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एलिफेंटा रोपवे का सपना नहीं होगा साकार!.. पुरातत्व विभाग से नहीं मिल रही है मंजूरी

सामना संवाददाता / मुंबई

मुंबई से एलिफेंटा गुफाओं तक दुनिया की सबसे लंबी रोपवे परियोजना को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। भारतीय पुरातत्व विभाग की मंजूरी नहीं मिलने से यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटक गई है।
बता दें कि यूनियन पोर्ट, शिपिंग और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने २०२२ में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हाई-लेवल एडवाइजरी कमेटी की घोषणा की थी। इसके तहत मुंबई से एलिफेंटा गुफाओं तक दुनिया की सबसे लंबी रोपवे प्रणाली का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि, भारतीय पुरातत्व ने रोपवे स्टेशन को एलिफेंटा गुफाओं से एक किलोमीटर दूर स्थापित करने की शर्त रखी है। पोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, घारापुरी द्वीप पर उपयुक्त जमीन को लेकर बातचीत चल रही है, लेकिन भारतीय पुरातत्व विभाग की आपत्तियों ने प्रोजेक्ट को धीमा कर दिया है।
क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने का दावा
सोनोवाल ने कहा कि क्रूज पर्यटन दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाला उद्योग है और भारत में इसकी अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने मुंबई में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में क्रूज लाइनर्स के अधिकारियों और मंत्रियों के समक्ष इस योजना का खाका पेश किया था। इस योजना के तहत न सिर्फ मुंबई में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की क्रूज पर्यटन क्षमता मजबूत होगी।
अधर में परियोजना
एक सूत्र ने स्पष्ट किया है कि एलिफेंटा रोपवे प्रोजेक्ट को बंद नहीं किया गया है। जमीन अधिग्रहण और भारतीय पुरातत्व विभाग की सहमति पर काम जारी है। इस परियोजना के पूरे होने से मुंबई का पर्यटन परिदृश्य पू री तरह बदल सकता है। मुंबई से एलिफेंटा गुफाओं तक रोपवे बनने से पर्यटकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी और गेटवे ऑफ इंडिया से नावों पर निर्भरता कम होगी। हालांकि, पुरातत्व विभाग और स्थानीय प्रशासन के बीच सहमति बनने में हो रही देरी से परियोजना का भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है।

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