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मेरा भी संतोष देशमुख जैसा हाल करने की कोशिश!..रेकी पर संजय राऊत का सनसनीखेज आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई

सांसद संजय राऊत ने इस घटना को लेकर भाजपा और महायुति सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा की भूमिका मुंबई और महाराष्ट्र से मराठी लोगों को खत्म करने की है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को मराठी लोगों पर हुए हमले के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दो उपमुख्यमंत्री हैं। खुद को मराठी समझते हैं। उन सभी को शर्म आनी चाहिए। संजय राऊत ने कहा कि मेरे घर पर निगरानी रखे जाने का मुद्दा हमारे लिए कोई नई बात नहीं है। मुझे मारने की कई बार कोशिशें हुई हैं, ये भी हमारे लिए कोई नई बात नहीं है। लेकिन मैं केंद्र सरकार और महाराष्ट्र सरकार का रवैया आपके सामने ला रहा हूं।

राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। इस समय प्रदेश में भीड़तंत्र, गुंडागर्दी और सुपारी उद्योग चल रहा है। इन शब्दों में हमला बोलते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा कि यह बात सामने आई है कि ‘सामना’ की रेकी की जा रही है। मेरे घर और दिल्ली में मेरे आवास की भी रेकी की गई है। कुछ लोगों को संतोष देशमुख जैसे कुछ और मामले करने हैं। इस तरह का सनसनीखेज आरोप भी संजय राऊत ने लगाया।
सांसद संजय राऊत के भांडुप स्थित घर की दो अज्ञात लोगों द्वारा रेकी किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। इसके बाद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व युवासेनाप्रमुख आदित्य ठाकरे ने नागपुर में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर मामले की जांच करने की मांग की।

बदले की भावना दर्शाता है सुरक्षा हटाना…हमारी जान को खतरा, आपको परवाह नहीं फडणवीस…शिंदे से संजय राऊत का सवाल

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने मुंबई में पत्रकार परिषद बुलाई। उन्होंने कहा कि ढाई-तीन साल पहले ये सरकार आई। उसके बाद सभी राजनीतिक विरोधियों की सुरक्षा को हटा दिया गया। सरकार बदलते ही सभी की सुरक्षा हटाना अनुचित है। यह एक तरह से बदले की भावना को दर्शाता है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए ऐसा निर्णय कभी नहीं लिया था। सामना एक ऐसा अखबार है जो हमेशा से हिट लिस्ट में रहा है। सामना के संपादक के रूप में मेरी सुरक्षा व्यवस्था १९९१ से बनी हुई है। इस संबंध में केंद्र की ओर से कुछ सुझाव आए थे। यहां तक ​​कि शिवसेना नेता और सांसद होने के नाते भी सुरक्षा है। उस समय एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री, जबकि फडणवीस गृह मंत्री थे। उन्होंने कहा कि आप हमें दुश्मन मानते हैं, क्योंकि हम राजनीति में आपकी आलोचना करते हैं और अपना पक्ष रखते हैं। क्या आप हमें दुश्मन मानते हैं इसलिए इस हद तक चले जाते हैं कि भले ही हमारी जान को खतरा हो, आपको कोई परवाह नहीं है। संजय राऊत ने आलोचना करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में इस तरह की राजनीति कभी नहीं हुई।
भाजपा है ड्रामा स्कूल
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. आंबेडकर के खिलाफ आपत्तिजनक बयान को लेकर संसद के बाहर जमकर हंगामा हुआ। संसद के बाहर उस समय हाथापाई हो गई जब भाजपा सांसदों ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे इंडिया आघाड़ी के सांसदों को रोक दिया। इस बारे में बोलते हुए संजय राऊत ने भाजपा की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कल मैं संसद के बाहर राहुल गांधी के साथ था। हम सब संसद गए। मैं इन प्रताप सारंगी को जानता हूं। वे ऐसी हरकतें करने में आगे रहते हैं। भाजपा एक ड्रामा स्कूल है। इस तरह का ड्रामा रचने के लिए भाजपा को पुरस्कृत किया जाना चाहिए। संजय राऊत ने आलोचना करते हुए कहा कि उनका नाटक जल्द ही खत्म हो जाएगा। कल्याण में एक चौंकानेवाली घटना घटी, जहां एक प्रवासी अधिकारी ने धूपबत्ती जलाने को लेकर हुए मामूली विवाद में एक मराठी परिवार की बेरहमी से पिटाई कर दी। इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में गुस्सा व्यक्त किया जा रहा है।
महाराष्ट्र में माहौल खराब करने की कोशिश
बाबा सिद्दीकी जैसे नेता की हत्या कर दी गई। बीड में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या कर दी गई। परभणी में कुछ मामले हुए। कुछ ताकतें महाराष्ट्र में माहौल खराब करने की कोशिश कर रही हैं। देवेंद्र फडणवीस नक्सलवादी, नक्सलवादी, नक्सलवादी जैसे बयान सुबह से ही दे रहे हैं। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में नक्सली मौजूद थे। नक्सलवादी हम तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। देश के गृह मंत्री ने कहा है कि नक्सलवादियों का कार्यक्षेत्र अलग है और वे बिखरे हुए हैं, लेकिन सरकार को घेरे हुए आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोग समाज के लिए नक्सलियों से भी ज्यादा बड़ा खतरा हैं। बीड के मामले में यह देखा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें सरकार में शामिल हो गई हैं, जो मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द हैं, जो गृह मंत्री के इर्द-गिर्द हैं, जो उप मुख्यमंत्री के इर्द-गिर्द हैं, जिनके कारण राज्य में कानून की स्थिति पूरी तरह से बिगड़ रही है। संजय राऊत ने हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में सरकार के प्रमुखों की ऐसी इच्छा दिखाई दे रही है कि जो उनके खिलाफ बोल रहे हैं या उनका विरोध कर रहे हैं, यदि उन्हें गुंडों के गिरोह से कोई परेशानी होती है तो उसके लिए ज्यादातर सरकार की मौन सहमति होती है।

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