सामना संवाददाता / मुंबई
हाफकिन कभी वैक्सीन और दवा निर्माण में कभी अपना लोहा मनवाता था, आज उसका कामकाज ठप हो गया है। वैâग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति में हाफकिन पूरी तरह से फेल हो चुका है। इसके साथ ही यह पता चला है कि पिछले छह वर्षों में प्रदेश भर के १२ जिला अस्पतालों द्वारा मांग की गई ७१ प्रतिशत दवाओं की आपूर्ति हाफकिन द्वारा नहीं की जा सकी। इससे इन जिलों के मरीज बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। महाराष्ट्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन के संबंध में पेश की गई वैâग की रिपोर्ट में बताया गया है कि हाफकिन महामंडल में लापरवाह प्रशासन ने उसे आज इस स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। हाफकिन के कंधों पर स्वास्थ्य सेवा आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा और फार्मायुटिकल्स विभाग के तहत आने वाली संस्थाओं के लिए दवाओं की खरीद की जिम्मेदार है। वैâग रिपोर्ट के मुताबिक हाफकिन ने राज्य के १२ जिला अस्पतालों द्वारा मांगी गई ७१ फीसदी दवाओं की आपूर्ति नहीं की है। हाफकिन को सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और फार्मास्युटिकल्स विभाग से ४,२९८ करोड़ रुपए की दवा आपूर्ति का ऑर्डर मिला। लेकिन हाफकिन ने सिर्फ २,९७९ करोड़ रुपयों की दवाओं की ही आपूर्ति का आदेश पूरा किया। इसमें से भी केवल २,०८६ करोड़ रुपए की दवाओं की ही आपूर्ति की गई। इस तरह दवाओं की आपूर्ति पर ४८ प्रतिशत राशि खर्च ही नहीं की गई।