धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
नागपुर शीतकालीन सत्र बिना विभागों के बंटवारे के चला। हालांकि, सत्र के आखिरी दिन शाम को विभाग बंटवारे की घोषणा कर दी गई। इसमें घाती गुट को मलाईदार विभागों से वंचित होना पड़ा है। इससे इस गुट में कहीं न कहीं नाराजगी दबी हुई है। हालांकि, अब महायुति में पालकमंत्री पद को लेकर रस्साकशी तेज हो गई है। एक तरफ मुंबई के लिए जहां लॉबिंग शुरू हो गई है, वहीं दूसरी तरफ घातियों ने रायगड और छत्रपति संभाजी नगर पालकमंत्री पद को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इन सबके बीच अब देखना है कि भाजपा इनके दबाव से कितना झुकती है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने के कई दिनों के बाद शनिवार की शाम को विभागों का बंटवारा हुआ, जिस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई थीं। राज्यपाल भवन से बाकायदा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। हालांकि, इस बंटवारे में मलाईदार अधिकांश विभाग भाजपा ने अपने पास रखे। इसी के साथ ही वित्त विभाग अजीत पवार को दे दिया। घाती गुट के हाथ नगरविकास समेत हल्के विभागों को देकर भाजपा ने झुनझुना पकड़ाने का काम किया है। ऐसे में अब घाती इसे न निगल और न ही उगल पा रहे हैं। इन सबके बीच घाती गुट अब रही सही आस पालकमंत्री पद पर लगाए बैठा है। इसके अलावा मुंबई और ठाणे जिलों के पालकमंत्री को लेकर भी तीनों गुटों में लॉबिंग शुरू हो गई है।
घाती और दादा गुट में फिर दिखेगा विवाद
घाती गुट के मंत्री भरत गोगावले ने अपने बयान में कहा है कि रायगड के पालकमंत्री पद पर हमारा दावा होगा, इसकी चिंता न करें। इससे पहले भी भरत गोगावले कह चुके हैं कि वे रायगड के पालकमंत्री के रूप में अदिति तटकरे से बेहतर काम करेंगे, क्योंकि पुरुषों और महिलाओं में थोड़ा अंतर होता है। दूसरी तरफ दादा गुट महिला व बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने भी रायगड के पालकमंत्री पर दावा कर दिया है। इसके चलते रायगड के पालकमंत्री पद को लेकर गोगावले और तटकरे के बीच एक बार फिर विवाद देखने को मिलेगा।
भाजपा-घाती में घमासान की संभावना
दूसरी ओर छत्रपति संभाजीनगर में आगामी समय में महानगर पालिका चुनाव हैं। ऐसे में घाती गुट के संजय शिरसाट ने कहा है कि वे छत्रपति संभाजी नगर के पालकमंत्री होंगे। इस शहर में भाजपा के अतुल सावे भी मंत्री हैं इसलिए अब सबकी नजर इस बात पर है कि पालकमंत्री किसे नियुक्त किया जाएगा।