जिंदगी में विफलता और दुख के दौर भी आते हैं। कई इसका डट कर सामना करते हैं तो कई घबराकर हार मान लेते हैं। बच्चे पढ़ाई को लेकर तनाव से जूझते हैं। कमजोर दिल वाले बच्चों में आत्महत्या जैसे विचार भी आते हैं। कुछ लोग बीमारी से हार मान लेते हैं। विज्ञान के अनुसार ऐसा इंसान की शारीरिक क्षमता में कमी की वजह से होता है। जिसकी वजह से लोग टेंशन, बीमारी और दूसरी परिस्थितियो में जल्दी घबरा जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए सबसे बढ़िया इलाज है मैडिटेशन यानी ध्यान। क्योंकि ध्यान केवल अध्यात्म से ही नहीं बल्कि विज्ञान से भी जुड़ा है। ध्यान स्वास्थ्य बेहतर रहता है और याद्दाश्त भी बढ़ता है। ध्यान एक ऐसी पुरातन भारतीय पद्धति जो आपके मनो-मस्तिष्क को शांत और एकाग्रचित बनाने में मदद करती है। शांत और एकाग्रचित व्यक्ति अपने लक्ष्य को आसानी से हासिल कर सकता है।
व्यस्त जीवन में घर पर ही मेडिटेशन किया जा सकता है। आप अपने अनुसार समय और स्थान तय कर सकते हैं। परंतु जे स्थान निश्चित करें वो शांतिपूर्ण और निर्मल होना चाहिए। शोर और प्रदूषणमुक्त। आप मेडिटेशन के लिए सीधा बैठने की कोशिश करें और जहां तक संभव हो रीढ़ को बिना अपने शरीर पर दबाव डाले सुविधानुसार सीधा रखें। आप बिस्तर, फर्श पर बिछे कालीन या किसी कुर्सी को बैठने के लिए चुन सकते हैं। मैडिटेशन के लिए सामान्य स्थिति में लगाकर बैठने में दिक्कत हो तो आप अपने पैरों को फैलाने के साथ या एक स्थिति जिसमें आप अत्यंत आराम और सुविधा महसूस करें, बैठ सकते हैं। मैडिटेशन का प्रभाव अत्यधिक रूप से सुविधा के स्तर पर निर्भर करता है। फिर आप अपने मन में एक विशिष्ट वस्तु की कल्पना करें और उस वस्तु पर एकाग्रचित होने की कोशिश करें। अपने आप में उस वस्तु का आकार, रंग और बनावट की कल्पना करने की कोशिश करें। ऐसा करने से आप आराम और शांति महसूस करेंगे। यदि दृश्य स्वाभाविक रूप से नहीं आएं तो जबरदस्ती न करें। आप आसपास की साधारण वस्तुओं पर एकाग्र हों। धीरे-धीरे वस्तु आप खुद देखना शुरू कर देंगे। फिर गहरी सांसें लेने की कोशिश करें। यह क्रम दोहराते रहें। अपने सांस लेने के तरीके की गति को बढ़ाने की कोशिश करें और अपने पेट को संकुचित करने और फैलाने की कोशिश करें। आपको निश्चित रूप से मदद मिलेगी।
ध्यान आपको मानसिक और शारीरिक रूप से शक्ति और ऊर्जा प्रदान करता है। इससे तनाव और डिप्रेशन में कमी आती है। ध्यान एक ऐसी प्रक्रिया है जो आपके मस्तिष्क से नकारात्मक विचारों को दूर कर आपमें शांति और चेतना का प्रवाह करता है। इससे एल्जाइमर, डायबिटीज, जैसी बीमारियों से मुकाबला करने में बड़ी मदद मिलती है। धूम्रपान और नशा करने की आदत से छुटकारा मिल सकता है। नकरात्मक विचारों से पीछा छूट सकता है। मेडिटेशन से हमारे शरीर से कोर्टिसोल नामक हार्मोंन का स्राव सही मात्रा में होता है, जिससे हमारा दिमाग शांत रहता है और स्ट्रैस-टेंशन से मुक्ति मिलती है। मनोवैज्ञानिक बीमारियों जैसे डिमेंशिया, अवसाद, ओसीडी और सिजोफ्रेनिया होने की संभावना घटती है। इसलिए यदि अच्छी यादाश्त और तनावमुक्त जिंदगी चाहते हैं तो इस वर्ष से ध्यान लगाने का संकल्प कर ही लें।
शीतल अवस्थी