मुख्यपृष्ठनए समाचारसायबर क्राइम से हुई पुलिस की नींद हराम! ... ३५० फीसदी बढ़े मामले

सायबर क्राइम से हुई पुलिस की नींद हराम! … ३५० फीसदी बढ़े मामले

 केवल १०% ही सुलझे
सामना संवाददाता / मुंबई
सायबर क्राइम ने मुंबई को इस कदर जकड़ लिया है कि रोजाना कहीं न कहीं मुंबईकर सायबर फ्राॅड का शिकार हो रहे हैं। इस साल के जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बेहद चौंकानेवाले हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष सायबर अपराधों में तकरीबन ३५० फीसदी की वृद्धि हुई है, जिसमें करीब ११,०० करोड़ रुपए का फ्राॅड हुआ है। सायबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं ने सायबर पुलिस की नींद हराम कर दी है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि पुलिस मात्र १० प्रतिशत मामले ही सुलझाने में कामयाब हुई है।
बता दें कि मुंबई में सायबर ठग कहीं निवेश के नाम पर, तो कहीं ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, चंद दिनों में पैसे दोगुने करने का लालच देकर भी लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद सायबर फ्राॅड पर काबू नहीं पाया जा सका है। आंकड़ों के मुताबिक, २०२३ में ९१ हजार सायबर फ्राॅड के मामले दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल ५ लाख से ज्यादा शिकायतें रजिस्टर्ड हुई हैं। इस तरह बढ़े हुए आंकड़े सायबर पुलिस के लिए सिर दर्द बने हुए हैं। इसके अलावा सायबर फ्राॅड के मामलों को सुलझाने में भी पुलिस को कोई खास कामयाबी नहीं मिली है। अभी ताजा घटनाओं की बात करें तो मुंबई में दो दिनों के अंदर तीन सायबर अपराध की घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में २० लाख रुपए की ठगी की गई। सायबर फ्राॅड करनेवालों ने बोरीवली की एक महिला को घर बैठे कमाने का झांसा देकर चंद दिनों में पैसे दोगुने करने का लालच दिया। महिला लालच के चक्कर में सायबर ठग के झांसे में आ गई और निवेश के नाम पर ५.७८ लाख रुपए सामनेवाले के खाते में भेज दिए। बाद में पता चला कि उसके साथ फ्राॅड हुआ है।

बुजुर्गों को बनाते हें शिकार
वर्सोवा के यारी रोड निवासी सेवानिवृत्त उप शिक्षा निरीक्षक को सीबीआई अधिकारी बताकर डराया गया कि उनके खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है। उनके आधार कार्ड के जरिए कई बैंकों में खाते खोले गए हैं और वह मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। ७३ वर्षीय बुजुर्ग ने घबराकर कॉल करनेवाले सायबर ठग के खाते में ५ लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। यह घटना २१ दिसंबर की है। इसी तरह २१ दिसंबर के दिन ही मालाड की एक ६८ वर्षीय महिला को एक कॉल आया। उसने बताया कि वह क्राइम ब्रांच अधिकारी है और फिर धमकाते हुए बुजुर्ग महिला से कहा कि उनके आधार कार्ड के जरिए गोयल नामक किसी व्यक्ति ने बैंक में खाता खोला है और खाता खोलनेवाले का नाम मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है। महिला ने घबराकर सायबर प्रâॉड करनेवाले के खाते में १० लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए।

अन्य समाचार