सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले कुछ दिनों में जहां सड़क पर बेस्ट बसों की चपेट में आने से पैदल यात्रियों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं, वहीं अब सैकड़ों बसों में सीसीटीवी वैâमरे बंद होने से यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में नजर आ रही है। बेस्ट के बेड़े में ३,५०० बसों में से २,८८९ से ज्यादा बसों में सीसीटीवी कैमरे बंद होने की बात सामने आई है इसलिए प्रशासन से इन सभी बसों में तुरंत कैमरे लगाने की मांग की जा रही है।
रेलवे के बाद मुंबई की दूसरी जीवनरेखा कही जानेवाली बेस्ट बसों में रोजाना लगभग ३५ लाख यात्री यात्रा करते हैं। इन बेस्ट यात्रियों को गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं प्रदान करने के लिए अब बेस्ट के बेड़े में अधिक से अधिक संख्या में इलेक्ट्रिक एसी बसें शामिल की जा रही हैं। इन यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर बस में सीसीटीवी कैमरे लगाने की नीति भी लागू की जा रही है। वर्तमान में बेस्ट यात्री सेवा में २,८८९ ऐसी स्व-स्वामित्व वाली और वेट लीज वाली बसों का बेड़ा संचालित करता है, इनमें से ज्यादातर लीज पर ली गई बसें शामिल हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए इन लीज बसों में सीसीटीवी कैमरे अनिवार्य कर दिए गए हैं। हालांकि, सैकड़ों बसों में कैमरे बंद होने से यात्रियों की सुरक्षा का मुद्दा खड़ा हो गया है, बेस्ट के स्वामित्ववाली ९८९ बसों में से ६७ बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और २५ बसों में सीसीटीवी वैâमरे बंद हैं।
लीज वाली ४२० बसों में भी कैमरे एक्टिव नहीं
१,९०० लीज वाली बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और ४२० बसों में सीसीटीवी कैमरे बंद पाए गए हैं। ज्यादातर बेस्ट की स्वयं के स्वामित्व वाली बसों में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगाए गए हैं, सीसीटीवी कैमरे तकनीकी खराबी के कारण बंद हैं। प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ठेकेदारों को जल्द से जल्द सभी सीसीटीवी कैमरे शुरू करने का निर्देश दिया जाएगा।