सामना संवाददाता / मुंबई
ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियां एमेजॉन और फ्लिपकार्ट अब तेजी से उभरते क्विक कॉमर्स बाजार में अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रही हैं और इस क्षेत्र में पहले से मजबूत पकड़ बना चुकी कंपनियों जैसे ब्लिंकइट, स्विगी इंस्टाग्राम और जेप्टो को कड़ी चुनौती दे रही हैं। क्विक कॉमर्स का मतलब है, ऑनलाइन ऑर्डर करने के १० से ३० मिनट के भीतर ग्राहकों तक सामान पहुंचाना। यह सुविधा खासतौर पर रोजमर्रा की जरूरतों और किराना सामान के लिए दी जाती है। उपभोक्ताओं की बढ़ती कीमत को ध्यान में रखते हुए इस मॉडल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है।
फ्लिपकार्ट ने इस साल अगस्त में मिनट्स नाम से क्विक कॉमर्स सेवा शुरू की, जबकि एमेजॉन २०२५ जनवरी में ‘तेज’ नामक सेवा लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
डार्क स्टोर की ताकत
क्विक कॉमर्स की सबसे बड़ी ताकत मानी जाती है ‘डार्क स्टोर’। ये गोदाम घनी आबदी वाले इलाकों में स्थित होते हैं, जिससे कंपनियां १० से ३० मिनट में सामान पहुंचाने में सक्षम हो पाती हैं। ब्लिंकइट ने सितंबर २०२४ तक अपने डार्क स्टोर्स की संख्या ७०१ तक बढ़ा ली है और २०२६ तक इसे २,००० तक करने की योजना है। स्विगी और जेप्टो भी अपने डार्क स्टोर नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रहे हैं।
ब्लिंकइट, स्विगी और जेप्टो जैसी कंपनियों ने किराना ओर रोजमर्रा की चीजों के बाजार में बड़ी कंपनियों को कड़ी चुनौती दी है। अब ये कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स और फैशन जैसे क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं। विश्लेषकों का कहना है कि ब्लिंकइट, स्विगी और जेप्टो जैसी कंपनियां पहले इस क्षेत्र में बड़े निवेश कर चुकी हैं, इनके पास सीधे निर्माताओं से सामान खरीदने और एफएमसीजी कंपनियों से मोलभाव करने की ताकत है।
बाजार का तेजी से बढ़ता दायरा
विशेषज्ञों की रिपोर्ट के अनुसार, २०२४ में ६.१ अरब डॉलर का कॉमर्स बाजार २०३० तक ४० अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। ब्लिंकइट, स्विगी और जेप्टो ने किराना और रोजमर्रा के सामान के क्षेत्र में पहले ही अच्छी पकड़ बना ली। अब ये कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स, पैâशन और अन्य क्षेत्रों में भी अपने कदम बढ़ा रही हैं, जो एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों के लिए चुनौती बन सकता है।