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स्पीड बोट्स से फेरी संचालन में खलल! …एमबीपीटी और एमएमबी ने स्पीड बोट्स की संख्या पर जताई चिंता

सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के पास हाल ही में एक नौसैनिक स्पीट बोट के यात्री फेरी बोट से टकराने के बाद फेरी ऑपरेटरों ने मुंबई पोर्ट ट्रस्ट (एमबीपीटी) और महाराष्ट्र मरीन बोर्ड (एमएमबी) से निजी स्पीड बोट्स की बढ़ती संख्या को लेकर चिंता जताई है। इस हादसे में १५ लोग मारे गए थे। गेटवे एलिफेंटा जल वाहतुक सहकारी संस्था (जीrईजेवीएसएस) ने १२ दिसंबर को एक पत्र में बताया है कि जेटी नंबर ५ का उपयोग करनेवाली निजी स्पीड बोट्स जेटी १ से ४ की ओर बढ़ रही हैं, जो केवल यात्री फेरी के लिए आरक्षित हैं। इससे फेरी संचालन में गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं और सुरक्षा को खतरा हो सकता है।संस्था ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि स्पीड बोट्स के कारण उत्पन्न होनेवाली लहरें लकड़ी की फेरी बोट्स को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे बोट्स का डॉक करना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही, स्पीड बोट्स के कारण जेटी पर भीड़ और अस्थिरता बढ़ जाती है, जो फेरी ऑपरेटरों, यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा के लिए खतरा है। इस पत्र में २०२३ में एक नौसैनिक जहाज फेरी से टकराने का भी उल्लेख किया गया है, जिससे फेरी को नुकसान हुआ था। हालांकि, इसमें कोई जनहानि नहीं हुई थी।महाराष्ट्र मरीन बोर्ड के प्रमुख ने कहा, ‘हमें ऐसा शिकायत पत्र प्राप्त हुआ है और हमने फेरी संघ के साथ बैठक बुलाने की योजना बनाई है। हमारी पिछली समीक्षा में कोई बड़ी सुरक्षा समस्या नहीं पाई गई है, लेकिन लॉजिस्टिक को लेकर कुछ समस्याएं जिन्हें हल करने की जरूरत है।’

निजी स्पीड बोट्स से बढ़ रही समस्याएं
फेरी ऑपरेटरों का कहना है कि निजी स्पीड बोट्स के कारण जेटी पर भीड़ बढ़ ही है। स्पीड बोट्स की लहरों से बोट का संतुलन बिगड़ता है और सुरक्षा मानकों का पालन करना कठिन हो जाता है, फेरी ऑपरेटरों का आरोप है कि निजी स्पीड बोट जेटी नंबर १ से ४ की ओर बढ़ रही है, जो केवल फेरी के लिए आरक्षित है।

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