-सबसे अशुभ माना जाता है रामटेक बंगला
सामना संवाददाता / मुंबई
मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद, महायुति सरकार में अब बंगलों और दफ्तरों के आवंटन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। सोमवार को महायुति के मंत्रियों को कार्यालयों के बाद सरकारी बंगलों का आवंटन किया गया। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, कई मंत्री इस प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं। उनका आरोप है कि बिना विश्वास में लिए, बंगलों और कार्यालयों का बंटवारा किया गया, बंगलों और कार्यालयों में वास्तुदोष होने का कारण बताते हुए कई मंत्री नाराज बताए जा रहे हैं। खासकर के रामटेक बंगला को लेकर, इस बंगले में जो भी आया उस नेता का करियर ही खतरे में पड़ जाता है। इनमें खडसे से लेकर दीपक केसरकर तक शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, हर बंगला हर मंत्री को सूट नहीं करता है। कई बंगलों में वास्तु दोष होने की बात कही जा रही है। बंगलों और कार्यालयों के सीधे आवंटन आदेशों से कई मंत्री भ्रमित हो गए हैं। आमतौर पर मंत्री वास्तुशास्त्र के अनुसार बंगले और कार्यालय चुनते हैं, लेकिन इस बार प्रक्रिया अलग रही। कई मंत्रियों का कहना है कि उन्हें ऐसे बंगले आवंटित किए गए हैं जो वास्तुशास्त्र के अनुरूप नहीं हैं। इन बंगलों को अशुभ माना जा रहा है और कुछ मंत्री इनमें रहने को तैयार नहीं हैं। कुछ मंत्रियों को मनचाही दिशा या स्थान पर कार्यालय नहीं मिले हैं, जिससे इनके बीच असंतोष काफी बढ़ गया है। उधर विधान भवन में कार्यालय से भी कई मंत्री नाराज हैं उनका कहना है कि इससे हमारा जनसंपर्क टूटेगा। मंत्रालय में पर्याप्त दफ्तर न होने के कारण कई राज्यमंत्रियों के कार्यालय विधान भवन में बनाए गए हैं, जो उनके लिए असुविधाजनक बताया जा रहा है। सूत्रों की जानकारी के अनुसार बंगलों और कार्यालयों के आवंटन से नाराज मंत्री अपनी शिकायत वरिष्ठ नेताओं तक पहुंचा चुके हैं। आने वाले समय में बंगलों और कार्यालयों की अदला-बदली हो सकती है।
अब पंकजा का क्या होगा
मंत्रियों के लिए बनाए गए तमाम बंगलों में सबसे ज्यादा अशुभ बंगला रामटेक माना जाता है। समुद्र के किनारे इस आलीशान बंगले में जो भी मंत्री रहने गया कुछ ही दिनों में उसका करियर अड़चन में आ गया है। छगन भुजबल, एकनाथ खडसे से दीपक केसरकर और खुद बहुत पहले विलासराव देशमुख भी रह चुके थे। इन नेताओं के करियर धीरे-धीरे अड़चन में आ गए। छगन भुजबल को जेल जाना पड़ा और एकनाथ खडसे का तो मंत्री पद भी गया और भाजपा से राजनीति भी गड़बड़ा गई। दीपक केसरकर को भी इस बार मंत्रिमंडल में नहीं लिया गया। उन्हें झटका लगा है। अब इस बंगले को मंत्री पंकजा मुंडे को दिया गया है। हालांकि अभी तक वे रहने नहीं गई हैं लेकिन यह आलीशान रामटेक बंगला उनके लिए शुभ होता है अशुभ, यह देखना होगा।