-फिर महंगाई ने फैलाया फन
-रसोई का बिगड़ा जायका
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में नवनियुक्त सरकार ने लाडली बहनों को नए साल का तोहफा दिया है। इसके तहत पहले ४० रुपए में बिकनेवाला लहसुन अब ४०० रुपए प्रति किलो में बेचा जा रहा है। कुछ सब्जियां भी ३० से ४० रुपए तक महंगी हो गई हैं। नए साल से ठीक पहले महंगाई ने एक बार फिर फन पैâलाना शुरू कर दिया है। इसके चलते गृहणियों के रसोई का जायका सचमुच बिगड़ गया है।
उल्लेखनीय है कि र्इंधन की आसमान छूती कीमतों और परिवहन की बढ़ी हुई लागत के कारण सब्जियों, फलों और अन्य जीवनावश्यक वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ गई हैं। इसी में अब तक ६० से १०० रुपए प्रति किलो मिलने वाला लहसुन ४०० रुपए प्रति किलो हो गया है इसी तरह ६० से ८० रुपए प्रति किलो मिलने वाला भिंडी और ग्वार अब १२० रुपए प्रति किलो बिक रही है। तुरई के दाम भी २० से ३० रुपए तक बढ़ गए हैं। इसी के साथ ही कई और सब्जियां भी १५ से २० रुपए तक महंगी हो गई हैं। प्रभादेवी के सब्जी बाजार में सब्जी विक्रेता सूर्यकांत कंदरफले ने कहा इस समय मार्गशीष लगा हुआ है, जिस कारण नॉन वेज वर्जित है। इसलिए बड़े पैमाने पर सब्जियां खरीदी जा रही हैं। इसी में सब्जियों के दाम बढ़ने से किचन का बजट डगमगा गया है।
२०० रुपए किलो बिक रहा सहजन
सहजन जहां पहले ६० से ८० रुपए प्रति किलो मिल रही थी, वह ४०० रुपए तक पहुंच गई। इसकी कीमत में मामूली गिरावट आई है। कुल मिलाकर आज भी सहजन दो सौ रुपए किलो में बिक रहा है। इसलिए होटलों में सांभर और इसके इस्तेमाल से बनाने वाले अन्य व्यंजनों की कीमतों में हाल फिलहाल कमी के आसार कम ही दिख रहे हैं।
क्या खाएं, किस तरह जीएं
पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। र्इंधन की कीमतें परिवहन की लागत बढ़ने से सब्जियों और फलों की ढुलाई की लागत जाहिर तौर पर बढ़ गई है। इससे खुदरा बाजार में भी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। वहीं खराब मौसम के कारण बाजार में कुछ सब्जियों की आवक कम है। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि इससे भी दामों में बढ़ोतरी हुई है। प्रभादेवी की गृहिणी कंचन हजारे ने कहा कि आम लोगों का जीवनयापन का बजट चरमरा गया है। ऐसे में अब लोग इस उधेड़ बुन में हैं कि क्या खाएं और वैâसे जीएं।