सामना संवाददाता / पुणे
‘बीड और परभणी में हुई घटनाओं पर विश्वास करना मुश्किल है। जो अपराध हमने अब तक सिर्फ फिल्मों में देखा था, वह अब महाराष्ट्र में हकीकत बन गया है। ये घटनाएं महाराष्ट्र के लिए शोभनीय नहीं हैं। महाराष्ट्र में घूमते समय अब मुझे भी डर लगता है।’ ऐसी चिंता सांसद सुप्रिया सुले ने व्यक्त की है।
बारामती में आयोजित एक प्रेस कॉन्प्रâेंस में सुप्रिया सुले ने कहा कि परभणी की घटना महाराष्ट्र के लिए बेहद निंदनीय है। जब शरद पवार वहां गए, तब राज्य के अन्य नेता और लोग भी वहां पहुंचे। लेकिन उससे पहले किसी ने वहां जाने की जरूरत नहीं समझी।’ उन्होंने कहा कि पहली बार मैं महिलाओं को मीडिया के सामने असहज और रोते हुए देख रही हूं। वे कह रही हैं कि उन्हें डर लग रहा है। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। महिला आरक्षण बिल लाने और योजनाओं में बहनों के लिए निधि देने से क्या महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है? सुले ने कहा कि सिर्फ पुलिस के तबादले से कुछ नहीं होगा। इन घटनाओं के पीछे असली गुनहगार कौन हैं, यह पता लगाना जरूरी है। मुझे देवेंद्र फडणवीस से उम्मीदें हैं। उन्हें महाराष्ट्र को न्याय देना चाहिए। उन्होंने सुरेश धस और नमिता मुंदड़ा की तारीफ करते हुए कहा कि राजनीतिक मतभेदों को किनारे रखकर इस समय एकजुट होकर लड़ने की जरूरत है। मंत्री धनंजय मुंडे के मामले में भी फडणवीस को निर्णय लेना चाहिए।