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बीएचयू ने धूमधाम के साथ मनाया अपने संस्थापक महामना मालवीय जी का जन्मोत्सव

आयोजित हुआ बाबा विश्वनाथ और महाकुंभ को समर्पित तीन दिवसीय मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी

उमेश गुप्ता/वाराणसी

तीन दिवसीय मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी–2024 का उद्घाटन बुधवार को मालवीय भवन प्रांगण में प्रो. संजय कुमार, कुलगुरू, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं विशिष्ट अतिथि डॉ. रवि कुमार सिंह (आई.एफ.एस.), वन संरक्षक, वाराणसी के कर-कमलों द्वारा प्रो. अरुण कुमार सिंह, कुलसचिव एवं अध्यक्ष मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रो. सरफ़राज़ आलम, सदस्य सचिव, मालवीय स्मृति पुष्प प्रदर्शनी, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय तथा डॉ कल्याण बर्मन सह समन्वयक, उद्यान विशेषज्ञ इकाई की उपस्थिति में संपन्न हुआ। उद्घाटन के समय प्रो. ए. के. नेमा, छात्र अधिष्ठाता, प्रो. एस वी एस राजू, निदेशक, कृषि विज्ञान संस्थान, प्रो. एस एन संखवार, निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, अश्विनी कुमार देशवाल, वरिष्ठ अधिकारी (उद्यान), काशी हिन्दू विश्वविद्यालय एवं अन्य गणमान्य अधिकारी उपस्थित रहें। मालवीय पुष्प प्रदर्शनी इस वर्ष बाबा विश्वनाथ और कुंभ को समर्पित रही। पिछला आयोजन अयोध्या के श्रीराम मंदिर पर आधारित था, लेकिन इस बार 25 से 27 दिसंबर तक होने वाले आयोजन में फूलों से भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर बने है और विहंगम कुंभनगरी भी सजी है। विश्वनाथ मंदिर आठ फीट ऊंचा और आठ फीट चौड़ा और बहुत ही विहंगम दृश्य बाबा का दिख रहा है, इसमें गर्भगृह भी बनाया गया है। भोलेनाथ की पूजा कैसे की जाती है, यह भी बताया गया है। 10 फीट ऊंची और आठ फीट चौड़ी कुंभनगरी जनता का ध्यान खींच रही है। कुंभ का बड़ा पोस्टर लोगों के लिए आकर्षित का केंद्र बना है और पताका भी फहरा रहा है।

प्रो. सरफराज आलम, सचिव, पुष्प प्रदर्शनी ने प्रदर्शों के बारे में विस्तार से बताया कि प्रदर्शनी में मुख्य रूप से गुलदावदी के गमलें एवं फूलों के संग्रह, कोलियस, विभिन्न प्रकार के शोभाकारी पौधे एवं रंगीन पत्तियों के समूह लगाये गये थें। गुलदावदी के कटे फूल, गुलाब के कटे फूल लीलीयम, जरबेरा, कारनेशन, ग्लैडियोलस, रजनीगंधा, बर्ड ऑफ़ पैराडाइज, गेंदा, गुलाब आदि पुष्पों के गमले, रिफ़्लेक्सड, इनकर्वड, इनकर्विंग, स्पाइडर, पोममैन, स्पून, एनीमोन आदि प्रारूपों में प्रदर्शित किये गये थें। साथ हीं विभिन्न प्रकार के फल एवं सब्जियां, कलात्मक पुष्प सज्जा, मंडप, विश्वविद्यालय मुख्या द्वार का प्रारूप, पुष्पों से सुसज्जित शिवलिंग तथा रंगोली, सुकर्तन कला (टॉपियरी) बोनसाई और हरी पत्तियों के संग्रह, मालवीय जी पर आधारित वास्तुकला के नमूने, मानव, पक्षी एवं जल प्रपात आदि मुख्य रूप से आकर्षण के केंद्र रहें।

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