मुख्यपृष्ठसमाज-संस्कृतिजहां-जहां खुदाई करोगे भगवान नजर आएगा : देवकीनंदन ठाकुरजी

जहां-जहां खुदाई करोगे भगवान नजर आएगा : देवकीनंदन ठाकुरजी

देश में अनेक ठिकानों पर धार्मिक स्थानों को लेकर जारी दावों-प्रतिदावों के बीच पूज्य देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने कहा है कि जहां-जहां खुदाई होगी भगवान नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि सनातनी लोग जहां-जहां बता रहे हैं वहां खुदाई करके सच पता लगा लो। अयोध्या और काशी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अब श्री कृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराना है। यह प्रतिज्ञा हर सनातनी की होनी चाहिए।

उल्लेखनीय कि स्वयं देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने दिल्ली के जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे केशवदेव की प्रतिमा होने का दावा करते हुए अदालत में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि केशवदेव की प्रतिमा का सदियों से अपमान हो रहा है। वह निकाल कर हमे सौंपा जाए, ताकि हम पूजन कर सकें। उनकी याचिका कोर्ट में विचाराधीन है। पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज इन दिनों नवी मुंबई के खारघर में कथारसिकों को भागवत कथा सुना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘धर्मो रक्षति रक्षति:’ अर्थात् हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। महाराजश्री ने श्रद्धालुओं से अपील की की वे सनातन धर्म, गौमाता और सनातन संस्कृति की रक्षा का संकल्प लें और उसके लिए सहयोग करें।

महाराजश्री खारघर में सनातन बोर्ड की मांग को लेकर एक भव्य रैली भी निकाल रहे हैं। उन्होंने सनातन बोर्ड के गठन की मांग को लेकर देशभर में अभियान सा चलाया है और संतों के साथ ‘धर्म संसद’ का आयोजन भी किया। महाकुंभ के दौरान वे 27 जनवरी को देश के प्रमुख संतों और धर्माचार्य के संग विशाल ‘सनातन धर्म संसद’ आयोजित कर रहे हैं। गुरूवार नवी मुंबई में अपने प्रवचन में दान का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि दान के बगैर मनुष्य का कल्याण ही नहीं हो सकता। दान से धर्म धन बढ़ता है। यह मनुष्य की स्वाभाविक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि आज हमें भोजन, वस्त्र, मकान और जो कुछ भी मिला है वह पूर्व के दान का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि हम ‘लाडली’ योजनाओं पर खुश होने की बजाए लाडली बहनों पर बुरी नजर रखने वालों को पहचानों। उन्होंने युवाओं को चेतावनी दी कि अपने धर्म में भूखा रह जाना पर विधर्मी मत बनना। उन्होंने कहा कि चमक-दमक और कपड़े से कुछ नहीं होता। आपका मन और विचार भक्ति का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि सनातन इतना विशाल है कि सनातनियों का भगवान कहीं भी प्रकट हो सकता है। वह खंभा फाड़ के भी प्रकट होता है। प्रह्लाद की रक्षा के लिए भगवान नृसिंह बन गए और हिरण्यकश्यप का सीना चीर दिया। ठाकुरजी ने कहा कि यह सनातन की स्टाइल है। युवाओं को उन्होंन हे कहा कि भगवान, गुरु और माता-पिता का कभी अपमान मत करना। माथे पर तिलक, हाथ में कलावा, गले में कंठी-माला और मुख पर भगवान का नाम रखने से भगवान से जुड़ाव बनता है। ऐसे श्रद्धालुओं को काल भी बड़े आदर से ले जाता है। महाराजश्री के पावन मुखारविंद से नवी मुंबई में 30 दिसंबर तक भागवत कथा चलेगी। 31 दिसंबर की रात नववर्ष का भव्य स्वागत किया जाएगा।

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