सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई के झुग्गी-झोपड़ों में रहने वाले गरीब परिवारों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए पब्लिक स्कूल पर मनपा बट्टा लगाने का काम कर रही है। मनपा की अनदेखी के कारण इस साल भी मुंबई पब्लिक स्äकूल की संख्या नहीं बढ़ सकती है। दूसरी ओर मनपा ने ऑनलाइन एडमिशन शुरू कर दिया है। ऐसे में अभिभावकों में इन स्कूलों में प्रवेश के लिए होड़ मच गई है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में मनपा के कुल १,१०० स्कूलों में तीन लाख ४७ हजार विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इनमें से हिंदी और मराठी मीडियम के स्कूलों में पास मार्क्स का ग्राफ दिन-ब-दिन नीचे गिरता जा रहा है। इसे देखते हुए झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले माता-पिता भी अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दिलाना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आदित्य ठाकरे की संकल्पना के तहत साल २०२१ से मनपा ने अपने स्कूलों को मुंबई पब्लिक स्कूलों में बदलते हुए सीबीएसई के साथ अंग्रेजी पाठ्यक्रम पढ़ाने का पैâसला किया। सीबीएसई बोर्ड के अब तक १८ स्कूल संचालित हो रहे हैं। पिछले साल इन स्कूलोेंं में नर्सरी से छठी तक १० हजार ३२७ विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इसमें चीकूवाड़ी, जनकल्याण, प्रतीक्षा नगर, पूनम नगर, कोरबा मीठागर, हरियाली गांव, राजावाड़ी, अजीज बाग, तुंगा गांव, भवानी शंकर रोड (दादर) और केन नगर जैसे स्कूलोेंं को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। फिलहाल, मनपा की ओर से अन्य बोर्ड के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस साल भी यह प्रक्रिया एक जनवरी से १५ जनवरी तक जारी रहेगी, इसलिए शिक्षा अधिकारियों की ओर से अपील की गई है कि अधिक से अधिक संख्या में अभिभावक इन २१ स्कूलों में प्रवेश पंजीकरण कराने में सहयोग करें।
इन बोर्ड के नर्सरी में पढ़ रहे बच्चे
आईसीएसई बोर्ड के स्कूल में नर्सरी कक्षा में २३० विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। आईबी बोर्ड के स्कूलों में ७८ छात्रों, जबकि आईजीसीएसई बोर्ड स्कूलों में १७७ छात्रों को नर्सरी में दाखिला मिला है। शिक्षाधिकारी ने बताया कि इन स्कूलों में कुल दस हजार आठ सौ सात विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है।
नहीं बढ़ेंगे सीबीएसई के स्कूल
इस वर्ष मनपा का इरादा एक शहर और दूसरा उपनगर में सीबीएसई स्कूलोेंं का विस्तार करने का था। इसके लिए जगह ढूंढने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए, लेकिन इसमें अभी तक सफलता नहीं मिली इसलिए इस साल अभिभावकों को मनपा के मौजूदा १८ सीबीएसई स्कूलों से काम चलाना होगा।