प्रेम यादव / भायंदर
मीरा रोड के सिल्वर पार्क सिग्नल के पास भायंदर-काशीमीरा सर्विस रोड पर १२ साल पहले तोड़ी गर्इं दो अवैध इमारतें एक बार फिर बनकर तैयार हो गई हैं। सर्विस रोड, जो पहले से ही शहर के बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए जरूरी है, अब इन अवैध निर्माणों की वजह से अतिक्रमण का शिकार हो चुकी है। भायंदर-काशीमीरा रोड मीरा-भायंदर से बाहर आने-जाने का मुख्य मार्ग है। बढ़ती जनसंख्या और वाहनों की संख्या के कारण इस मार्ग पर पहले से ही भारी ट्रैफिक रहता है। मेट्रो लाइन के निर्माण कार्य ने इस दबाव को और बढ़ा दिया है, जिससे अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। तीन किलोमीटर की दूरी तय करने में आधे से एक घंटे तक का समय लग रहा है। ऐसे में सर्विस रोड का सुचारु होना बेहद जरूरी है।
२०१२ में तत्कालीन आयुक्त विक्रम कुमार सिंह ने सर्विस रोड से अतिक्रमण हटाकर इसे चालू करने की पहल की थी। इस दौरान सिल्वर पार्क सिग्नल के पास बनी दो अवैध इमारतों को तोड़ा गया था। इन इमारतों में बार और लॉज संचालित होते थेख् लेकिन आज ये दोनों इमारतें फिर से खड़ी हो चुकी हैं। प्रशासन ने इन इमारतों में से एक को रिपेयरिंग परमिशन तक दे दी, जिससे निर्माण को वैधता का रास्ता मिल गया। राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा मामले का संज्ञान लिए जाने और एमआरटीपी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज होने के बावजूद, इन इमारतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दूसरी इमारत, जो महेश नगर इंडस्ट्रियल गेट के पास स्थित है, का निर्माण हाल-फिलहाल शुरू हुआ था। इस दौरान बड़ी संख्या में शिकायतें और खबरें आर्इं, लेकिन अब तक प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया और अब यह इमारत पूरी तरह बनकर तैयार हो गई है। इन घटनाओं ने प्रशासन की लचर कार्यप्रणाली और जिम्मेदारी के अभाव को उजागर कर दिया है।