सामना संवाददाता / गोवा
नए साल के जश्न में पूरी दुनिया जहां डूबी थी। वहीं महंगाई ने नए साल के जश्न में गोवा के टूरिज्म पर बड़ा झटका दिया है। नए साल के मौके पर गोवा की सड़कें और समुद्री किनारे खाली नजर आ रहे थे। लोगों को अपनी आंखों पर यह देखकर भरोसा नहीं हो रहा था कि एक समय जो शहर नए साल की पूर्व संध्या और नए साल के मौके पर गुलजार रहता था, वो कल वीरान पड़ा हुआ था।
पबों और होटलों में भी कुछ खास भीड़ नहीं थी। इसी से जुड़ा हुआ गोवा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नए साल के अवसर पर यहां के स्ट्रीट सुनसान पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं।
दीपिका नारायण भारद्वाज ने एक वीडियो साझा किया और `एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि `गोवा लगभग खाली है। मुश्किल से कोई टूरिस्ट है। यह सरकार के लिए एक चेतावनी होनी चाहिए। उम्मीद है कि वे कुछ करेंगे, खासकर ट्रांसपोर्ट के बारे में’ उनके इस दावे को तुरंत ही एक अन्य `एक्स’ यूजर शाजन सैमुअल ने चुनौती दी। जिन्होंने लिखा, `गलत जानकारी। गोवा पूरी तरह से भरा हुआ है।’ इसके जवाब में भारद्वाज ने ३० दिसंबर को एक और वीडियो साझा किया, जिसमें एक बाजर लगभग खाली दिख रहा था। उन्होंने लिखा, `जो लोग मुझे झूठा कह रहे हैं, यह २९ दिसंबर की रात का वीडियो है। उन सड़कों का जो नए साल के आसपास पूरी तरह से जाम रहती थीं।’ वीडियो को रीट्वीट करते हुए एक `एक्स’ यूजर ने कहा, `विश्वास नहीं हो रहा कि यह गोवा है, वो भी नए साल के आसपास। लोग अब बेहतर पैसे की कीमत पाने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की ओर जा रहे हैं। इंडियन टूरिज्म का यही हाल है – निराशाजनक।’ यूजर ने आगे कहा कि जहां एक ओर मंदिर टूरिज्म भारत में फल-फूल रहा है, `लोग मनोरंजन के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा को प्राथमिकता दे रहे हैं।’
इस नजरिए से सहमत होते हुए, एक अन्य व्यक्ति ने उम्मीद जताई कि यह स्थिति `इंडियन टूरिज्म में कुछ सकारात्मक बदलाव लाएगी’ दूसरों ने इस सीजन में गोवा से बचने के कारणों में `हवाई किराया का ज्यादा होना, महंगे होटल और ऊंचे टैक्सी रेट’ का हवाला दिया।
एक रिपोर्ट ने गोवा की एक अलग तस्वीर पेश की। प्रमुख होटल निवेश और सलाहकार फर्म नोएसिस का हवाला देते हुए, रिपोर्ट में कहा गया था कि गोवा का टूरिज्म २०२४ में एक महत्वपूर्ण वर्ष के लिए तैयार हो रहा है, २०२३ की मजबूत रिकवरी की गति पर निर्माण कर रहा है। घरेलू आगमन ८.५ मिलियन से अधिक होने का अनुमान है, जबकि विदेशी टूरिस्टों की संख्या महामारी से पहले के स्तर को छू सकती है, जो संभावित रूप से ५ लाख से अधिक हो सकती है।