सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा की योजनाएं इस समय मुंबईकरों के लिए मुसीबत बन गई हैं। जहां एक ओर शहर में प्रदूषण की समस्या गहरी होती जा रही है, वहीं दूसरी ओर ट्रैफिक जाम, सड़कों की खुदाई और निर्माण कार्यों के कारण नागरिकों का जीना मुश्किल हो गया है। शहर की सड़कें हर जगह खुदी पड़ी हैं और मनपा की संबंधित योजनाएं पूरी तरह नाकाम साबित हो रही हैं।
मुंबई में वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है। रविवार को शहर का एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्टस) फिर से १५६ से बढ़कर १६२ पर पहुंच गया, जो कि मध्यम श्रेणी में आता है। बोरिवली (पूर्व) में एक्यूआई ३०४ से घटकर १२६ तक पहुंचा, जबकि घाटकोपर में एक्यूआई ३०४ पर स्थिर रहा और यह ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना रहा। साथ ही शिवड़ी में एक्यूआई २०५ और शिवाजी नगर में २२९ दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है।
इन आंकड़ों के मद्देनजर, मनपा की प्रदूषण नियंत्रण योजनाओं व उपायों का प्रभाव बेहद सीमित दिख रहा है। पिछले दिनों मनपा ने निर्माण स्थलों पर पाबंदी लगाने और सड़क सफाई जैसे प्रदूषण नियंत्रण उपायों की शुरुआत की थी। हालांकि, ये सभी उपाय नाकाम साबित हो रहे हैं। कुल २० एक्यूआई मॉनिटरिंग स्टेशनों में से १४ स्टेशनों का एक्यूआई ‘मध्यम’ श्रेणी में था, जबकि चार स्टेशनों का एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में था। अस्वस्थ लोग और पहले से श्वसन समस्याओं से ग्रस्त व्यक्तियों को लंबे समय तक बाहरी शारीरिक श्रम से बचने की सलाह दी गई है। कोलाबा स्टेशन पर रविवार को अधिकतम तापमान ३४ सेल्सियस और न्यूनतम तापमान २० सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य श्रेणी से क्रमश: ०.२ सेल्सियस और १.९ सेल्सियस अधिक था। उच्च तापमान ओजोन (०३) उत्पादन को तेज करता है और रासायनिक प्रतिक्रियाओं की दर बढ़ाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार को ओजोन और पीएम १० को प्रमुख प्रदूषक के रूप में पाया गया। इस सप्ताह अधिकतम तापमान ३२ सेल्सियस से ३५ सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है।