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नींद से जागी महायुति सरकार निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगेगी लगाम …राज्यभर में चलेगा जांच अभियान जिलास्तर पर गठित होगी टीम

सामना संवाददाता / मुंबई
घाती सरकार के राज में निजी अस्पतालों में मनमाना कामकाज शुरू हो गया था। हालांकि, विधानसभा चुनाव के बाद अस्तित्व में आई महायुति सरकार नींद से जागी है। इसके तहत यह सरकार निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने जा रही है। बताया गया है कि राज्यभर में न केवल जांच अभियान चलेगा, बल्कि निगरानी रखने के लिए जिलास्तर पर समिति गठित की जाएगी। यह टीम स्वास्थ्य सेवा आयुक्त को जांच रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों पर कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. नितिन अंबाडेकर ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा है कि राज्य के निजी अस्पताल नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं इसका स्वास्थ्य विभाग की टीमें निरीक्षण करेंगी। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि अस्पतालों का निरीक्षण कर टीमें एक माह के भीतर नियमों का पालन न करनेवाले अस्पतालों की सूची सौंपेंगी। इसके साथ ही अस्पतालों को सुधार के लिए एक महीने का समय दिया जाएगा। एक माह बाद फिर से निरीक्षण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट एक बार वापस स्वास्थ्य सेवा आयुक्त को सौंपी जाएगी। इसके बाद इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
इसकी होगी जांच
स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि इन बातों की जांच होगी, क्या निजी अस्पतालों में सामने वाले क्षेत्र में मूल्य सूची लगी रहती है या नहीं? क्या जैव-चिकित्सा कचरा निपटान सुविधा चालू है? क्या अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्राप्त है?

पिछली कार्रवाई पर उठे सवाल
स्वास्थ्य विभाग द्वारा वर्ष २०२३ में किए गए निरीक्षण में राज्य के कई निजी और धर्मार्थ अस्पतालों द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने का पता चला था। इसके बाद संबंधित अस्पतालों को नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उस दौरान कितने अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग के नोटिस का जवाब दिया, इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से नहीं दी गई। विभाग के अधिकारी लगातार बहाना बनाते रहे हैं कि नोटिस जारी करने के बाद दोबारा निरीक्षण करने के लिए स्टाफ नहीं है। ऐसे में पिछली कार्रवाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

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