सामना संवाददाता / मुंबई
अजीत पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में कई अहम खुलासे हुए हैं। सिद्दीकी की हत्या के पीछे पुलिस ने तीन वजह बताई हैं, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात है कि पुलिस की चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई का हत्याकांड मामले में न तो कहीं नाम है और न ही उसे शक के दायरे में वांटेड बताया गया है। पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई को साजिशकर्ता बताते हुए उसे वांटेड घोषित किया है। साथ ही मोहम्मद यासीन अख्तर, शुभण रामेश्वर लोणकर को वांटेड बताया है।
बता दें कि १२ अक्टूबर २०२४ को अजीत पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी की बांद्रा स्थित उनके दफ्तर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद शुभम लोणकर ने सोशल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच ने २६ आरोपियों को गिरफ्तार किया था। हत्याकांड की जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने मकोका की विशेष अदालत में ४,५९० पन्नों की चार्जशीट दायर की है। चार्जशीट में हत्याकांड के पीछे की तीन वजहों का खुलासा किया है। पहली वजह बताई गई है बाबा सिद्दीकी का सलमान खान से करीबी रिश्ता। दूसरी वजह यह बताई गई है कि बिश्नोई गैंग अपनी दहशत और वर्चस्व कायम करना चाहता था और तीसरी वजह सलमान खान फायरिंग मामले के मुख्य आरोपी अनुज थापन द्वारा पुलिस हिरासत में खुदकुशी करने का बदला लेना। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में यह भी बताया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश अनमोल बिश्नोई ने रची थी। जांच में पुलिस ने २६ आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से ५ बंदूक, ६ मैगजिन्स और ८४ कारतूस जब्त किए। पुलिस ने शुभम लोणकर द्वारा सोशल मीडिया पर जिम्मेदारी लेनेवाले पोस्ट को आधार बनाया है।
बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद हत्याकांड में लॉरेंस बिश्नोई का नाम सुर्खियों में था। पुलिस भी इसी एंगल से जांच कर रही थी। आखिरकार पुलिस चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई का कहीं भी नाम नहीं है और नाही उसे हत्याकांड मामले में वांटेड बनाया गया है।