अजय भट्टाचार्य
भाजपा किसी भी सूरत में मिल्कीपुर से जीत हासिल करना चाहती है इसलिए इस सीट पर हो रहे उप चुनाव में अपने छह कद्दावर मंत्रियों की तैनाती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके हैं। इनमें जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही, आयुष एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर सिंह दयालु, सहकारिता राज्य मंत्री जेपीएस राठौर, सतीश शर्मा और राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह शामिल हैं। इस सीट पर जीत-हार के पक्ष-विपक्ष के लिए अलग-अलग मायने हैं। अगर यहां से भाजपा जीती तो इसका असर देशव्यापी होगा, जबकि सपा के विधानसभा जीतने पर पीडीए फॉर्मूले को बल मिलेगा। जीत का असर २०२७ चुनाव का मूड भी तय करेगा।
सर्वे से बेचैनी
तेलंगाना में मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बाद कांग्रेस विधायकों में बेचैनी है। सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री, सरकार, जिला या स्थानीय स्तर पर प्रशासन, विधायकों और लोगों की सरकार से अपेक्षाओं का आकलन किया गया। सर्वेक्षण में मुख्य रूप से ६५ विधानसभा क्षेत्र शामिल थे, जहां कांग्रेस ने जीत हासिल की है और विपक्षी बीआरएस और भाजपा द्वारा प्रतिनिधित्व किए जानेवाले अन्य क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इस सर्वे में लगभग २६ विधायकों को ‘रेड जोन’, १४ को ‘ऑरेंज जोन’ और शेष विधायकों को ‘सेफ जोन’ में वर्गीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, कथित तौर पर तीन मंत्रियों पर उनके निर्वाचन क्षेत्रों में गंभीर आरोप लगे हैं, जबकि कुछ विधायकों पर अपने क्षेत्रों के विकास की उपेक्षा करने का आरोप है। सर्वेक्षण में रेवंत रेड्डी के खिलाफ कोई नकारात्मक भावना नहीं पाई गई। राज्य के लोग कांग्रेस सरकार से अपने चुनावी वादों को पूरा करने की उम्मीद करते हैं और चाहते हैं कि उनके विधायक उनके क्षेत्रों का दौरा करें और विकास पर ध्यान दें।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं तथा व्यंग्यात्मक लेखन में महारत रखते हैं।)