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एक को मनाओ तो दूजा रूठ जाता है… दो पाटन के बीच फंस गए फडणवीस! …शिंदे को मनाया तो अब अजीत पवार देने लगे दर्द

-बीड कांड में मंत्री पद से मुंडे को हटाने के खिलाफ दादा
-अब दिल्ली में अमित शाह के सामने सुलझेगा मामला
सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार में मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस का ज्यादातर समय अपने दोनों उप मुख्यमंत्रियों की नाराजगी दूर करने में जा रहा है। हालत यह है कि वे एक को मनाते हैं तो दूसरा रूठ जाता है और दूसरे को मनाते हैं तो पहला रूठ जाता है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वैâसे दोनों को साधे रखें। ऐसे में कहा जा रहा है कि फडणवीस दो पाटन के बीच में फंस गए हैं।
गौरतलब है कि फडणवीस ने हाल ही में एकनाथ शिंदे की नाराजगी दूर की थी। उन्हें बड़ी मुश्किल से समझा-बुझाकर फडणवीस पटरी पर लाए तो अब अजी‍त पवार नाराज हो गए हैं। वे महायुति में खुद को दुखी बता रहे हैं। अब फडणवीस अजीत पवार को मनाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन हल मिलता न देखकर अजीत पवार सीधे दिल्ली दरबार पहुंच गए। वह भी अकेले नहीं, बल्कि अपने दो सिपहसलारों के साथ। सूत्रों की मानें तो अजीत दादा की नाराजगी के पीछे सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड को बताया जा रहा है। दरअसल, बीजेपी विधायक सुरेश धस अजी‍त पवार के करीबी नेता और मंत्री धनंजय मुंडे पर रोज आरोपों की बौछार कर रहे हैं। रोज प्रेस कॉन्प्रâेंस कर उनका इस्‍तीफा मांग रहे हैं, इससे अजीत पवार गुट के लि‍ए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है।
मनाने से पहले दिल्ली उड़े
अजी‍त पवार ने मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर अपनी नाराजगी जाहि‍र की थी, लेकिन फडणवीस उन्हें मना पाते, इससे पहले ही वे अपनी बात लेकर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पास चले गए। सरपंच संतोष देशमुख हत्याकांड में जि‍स शख्‍स को मुख्‍य आरोपी बनाया गया है, उसे धनंजय मुंडे का दाहि‍ना हाथ बताया जा रहा है। इसी को लेकर बीजेपी विधायक सुरेश धस धनंजय मुंडे पर हमलावर हैं। उनके आक्रामक रुख की वजह से अजीत पवार परेशान हैं।
रोज-रोज की बेइज्जती से परेशान
दादा अपने गुट की रोज-रोज की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस से कहा कि‍ बीजेपी विधायक सुरेश धस और अभिमन्यु पवार पिछले कुछ दिनों से धनंजय मुंडे पर निशाना साध रहे हैं। उनके पास कोई सबूत नहीं है, इसके बावजूद लगातार निशाना बनाया जा रहा है। यह ठीक नहीं है। गठबंधन के सहयोगि‍यों को इस तरह परेशान नहीं कि‍या जाना चाहि‍ए।

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