सामना संवाददाता / मुंबई
यह सही है कि लोकसभा चुनाव के बाद इंडिया गठबंधन की और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद महाविकास आघाड़ी की कोई बैठक नहीं हुई है। ऐसे में अगर तीनों दलों में समन्वय नहीं हुआ तो भविष्य में सभी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और उसे सभी को एक साथ रखने की पहल करनी चाहिए, क्योंकि अगर राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया गठबंधन टूट गया तो इसे फिर से नहीं बनाया जा सकेगा। इस तरह की स्पष्टोक्ति शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने की।
मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह सच है कि इंडिया गठबंधन का गठन लोकसभा चुनाव के लिए किया गया था। हालांकि, विधानसभा में इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। इंडिया गठबंधन, महाविकास आघाड़ी अथवा अन्य राज्यों में गठबंधनों के बारे में जनता ने अलग-अलग रुख अपनाना शुरू कर दिया है, लेकिन इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कांग्रेस देश की सबसे बड़ी पार्टी है और उसके पास सौ से अधिक सांसद हैं। कांग्रेस को सभी को एक साथ रखने की पहल करनी चाहिए। हम सभी क्षेत्रीय दल हैं और कांग्रेस हमारे गठबंधन में राष्ट्रीय पार्टी है। कांग्रेस के पास लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष का नेता है। संजय राऊत ने यह भी कहा कि सभी को साथ रखना और गठबंधन बनाए रखना कांग्रेस की जिम्मेदारी है।