ऑल फूड एंड ड्रग लाइसेंस होल्डर्स फाउंडेशन के अध्यक्ष अभय पांडेय ने कहा कि करीब ४८ आपूर्तिकर्ताओं के १२० करोड़ का आउटस्टैंडिंग हैं, जिसका भुगतान नहीं किया गया है। यह बकाया छह माह से चार साल तक का है। ऐसे में हमारे फाउंडेशन ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया है कि सोमवार, १३ जनवरी से बीएमसी अस्पतालों और संबंधित सुविधाओं को दवाओं की आपूर्ति तब तक रोक दी जाएगी, जब तक कि सभी बकाया भुगतान नहीं हो जाते।
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे आपला दवाखाना पहले से ही असुविधाओं की मार झेल रहा है। ठेका समाप्त होने की वजह से बीते ढाई महीनों से इन दवाखानों में होने वाली तमाम तरह की जांच बंद पड़ी हैं। ऐसे में मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी में अब मनपा के प्रमुख समेत उपनगरीय अस्पतालों में भी आने वाले मरीजों को बुरे दिनों का सामना करना पड़ेगा।
बताया गया है कि इन अस्पतालों में दवाइयों के आपूर्तिकर्ताओं के छह महीने से लेकर चार सालों तक का करीब १२० करोड़ रुपए बकाया है, जिसका भुगतान करने में मनपा प्रशासन की ओर से आनाकानी की जा रही है। ऐसे में सभी आपूर्तिकर्ताओं ने तीन दिन बाद अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति को बंद करने का पैâसला किया है।
दवाइयों के आपूर्तिकर्ताओं का ४ साल से नहीं हुआ भुगतान
-अभी तक मनपा से नहीं मिला कोई आश्वासन
-आपला दवाखाना में तमाम तरह की जांच भी बंद
मनपा अस्पतालों में दवाइयों के आपूर्तिकर्ताओं के छह महीने से लेकर चार सालों तक का करीब १२० करोड़ रुपए बकाया है। पहले की घाती सरकार और मौजूदा महायुति सरकार में मनपा की तिजोरी खाली होती जा रही है। आलम यह है कि मौजूदा समय में स्थिति ऐसी हो गई है कि खर्च बढ़ते जा रहे हैं, जबकि आय के स्रोत घटते जा रहे हैं। मनपा प्रशासन मुंबईकरों को समुचित बुनियादी सुविधाएं भी सही समय से उपलब्ध नहीं करा पा रहा है। यह स्थिति करीब सभी विभागों की है, लेकिन सबसे बुरे दौर से स्वास्थ्य विभाग गुजर रहा है।
बता दें कि करीब ढाई महीने पहले ठेका समाप्त होने के बाद आपला दवाखाना में तमाम तरह की जांच को ठेकेदार कंपनी ने बंद कर दिया था। इसे शुरू होने में अभी करीब एक से डेढ़ महीने का वक्त लगेगा। इसी तरह नायर अस्पताल में भी ओपन हार्ट सर्जरी रोकी गई थी, क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार के बकाए की अदायगी मनपा प्रशासन नहीं कर रहा था। कुछ यही स्थिति मनपा अस्पतालों में दवा के आपूर्तिकर्ताओं की भी है।
कई बार किया गया फॉलोअप
अभय पांडेय ने कहा कि आपूर्तिकर्ता बकाए के भुगतान को लेकर बीते चार महीनों से मनपा प्रशासन के साथ कई बार फॉलोअप करते आ रहे हैं लेकिन मनपा प्रशासन की ओर से इस पर कोई पैâसला नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इससे आपूर्तिकर्ता खुद आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं। इतना ही नहीं धन की कमी के चलते दवा आपूर्ति में भी बाधा पैदा हो रही है। बकाए की अदायगी को लेकर लगातार प्रयासों के बावजूद प्रशासन की ओर से की जा रही अनदेखी के चलते हमने यह पैâसला किया है। इससे संबंधित ज्ञापन भी मनपा आयुक्त व प्रशासक को दिया गया है।
वैâसे पूरा होगा जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी का सपना
मरीजों और उनके परिजनों का कहना है कि एक तरफ मनपा प्रशासन जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी को लागू करने का सपना देख रही है। इसे लेकर अभी तक योजनाएं ही बन रही हैं। पिछले साल अप्रैल में योजना को लागू करना था, लेकिन नौ महीने पूरे होने के बाद भी योजना का कहीं अता-पता नहीं है। दूसरी ओर मनपा अस्पतालों में दवा व अन्य सुविधाओं की कमी है। ऐसे में मनपा प्रशासन जीरो प्रिस्क्रिप्शन पॉलिसी का सपना वैâसे पूरा करेगी।
अभय पांडेय ने कहा कि मनपा आयुक्त व प्रशासक ने इसे सुलझाने की जिम्मेदारी अतिरिक्त आयुक्त को सौंपी है। हालांकि, अभी तक मामले में मनपा की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि मनपा की ओर से अनदेखी की जाती है तो आने वाले दिनों में इलाज कराने के लिए आनेवाले मरीजों की मुसीबतें बढ़ जाएंगी। उन्हें दवाएं ऊंची कीमतों में बाहर से खरीदनी पड़ेंगी।