-बयान से महायुति में मचा संग्राम
-विपक्ष भी हुआ आक्रामक
सामना संवाददाता / मुंबई
बड़े-बड़े दावे और झूठी घोषणाएं करके किसी तरह सत्ता में आई महायुति सरकार अब अपने वादों को पूरा करने से मुकरती नजर आ रही है। महायुति की सरकार आने के बाद किसानों को लगा था कि उनका कर्ज माफ हो जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कर्जमाफी से यह कहते हुए किनारा कर लिया कि उन्होंने कोई वादा नहीं किया था। इससे कई सवाल उठे हैं कि आखिर महायुति सरकार में क्या चल रहा है और क्या किसानों को वास्तव में कर्ज माफी मिलेगी? अजीत पवार के बयान के बाद विपक्ष भी आक्रामक हो गया है तो वहीं भाजपा के नेताओं ने अजीत पवार को निशाना बनाया है।
पुणे में अजीत पवार के इस बयान से राज्य के लाखों किसान और महायुति के समर्थक भ्रमित हो गए हैं। क्योंकि विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान महायुति के नेताओं द्वारा कई बड़ी घोषणाएं की गई थीं। इसमें भाजपा नेता और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की थी कि राज्य में किसानों का कर्ज भी माफ किया जाएगा, लेकिन अब जब राज्य में महायुति की सरकार सत्ता में आ गई है तो राज्य के उपमुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा पुणे के दौंड में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में दिए गए बयान ने कर्जमाफी को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने साफ कहा कि किसान कर्ज माफी का हमने कोई वादा नहीं किया है। विपक्ष ने भी कर्जमाफी पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। इस पर हंगामा खड़ा कर दिया। शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्ष के नेता व सांसद संजय राऊत ने याद दिलाया है कि किसान कर्ज माफी का उल्लेख भाजपा के घोषणापत्र में ही था। उन्होंने कई उदाहरण देते हुए अजीत पवार के बयान पर नाराजगी जताई है। अजीत पवार के बयान के बाद राज्य के मुख्यमंत्री को इस ओर ध्यान देकर किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कुछ दिन पहले पुणे में एक कार्यक्रम में कहा था कि चूंकि खजाने में पैसा नहीं है, इसलिए कर्जमाफी में ४ से ६ महीने लगेंगे, लेकिन अब वित्तमंत्री अजीत पवार कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कोई वादा नहीं किया था। तो अब आम जनता यह सोच रही है कि क्या वादों को लेकर महायुति के भीतर आम सहमति नहीं है या फिर महायुति अपने वादे तोड़ रही हैं।
महायुति अपने वादे तोड़ रही हैं!
एक ओर वित्त मंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने किसानों से कर्जमाफी का कभी वादा नहीं किया था। अब उन्हें अपने ही सहयोगियों और महायुति में बड़े भाई भाजपा से चुनौती मिल रही है। भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने उनके बयान को लेकर खिलाफत की है। भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के खिलाफ सीधा रुख अपनाया है, जबकि कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कुछ दिन पहले पुणे में एक कार्यक्रम में कहा था कि चूंकि खजाने में पैसा नहीं है इसलिए कर्जमाफी में ४ से ६ महीने लगेंगे, लेकिन अब वित्त मंत्री अजित पवार कह रहे हैं कि उन्होंने ऐसा कोई वादा नहीं किया था। तो अब आम जनता यह सोच रही है कि क्या वादों को लेकर महायुति के भीतर आम सहमति नहीं है या फिर महायुति अपने वादे तोड़ रही हैं।