– जवेरी बाजार के कारोबारियों को सता रही चिंता
– दुकान की जगह मिलने की नहीं है जानकारी
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य सरकार की मुंबई के मुंबा देवी मंदिर को भी काशी विश्वनाथ और उज्जैन के महाकाल मंदिर की तर्ज पर विकसित करने की योजना है। मंदिर के इर्द-गिर्द गलियारा तैयार करने की इस योजना से जवेरी बाजार के कारोबारी ऊहापोह में फंस गए हैं। कई कारोबारियों को अपना कारोबार उजड़ने की चिंता सता रही है। इसके लिए ३० लाइसेंसी और १९० अनधिकृत फेरीवालों को हटाया जाएगा। यह कॉरिडोर कालबादेवी रोड से विट्ठलवाड़ी, कॉटन एक्सचेंज, शेख मेमन स्ट्रीट, सट्टागली, महाजन गली, तेल गली और विठोबा लेन तक फैला होगा।
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले २२० करोड़ रुपए लागत वाला यह कॉरिडोर बनाने की मंजूरी दी थी। मुंबई जिला नियोजन समिति ने १० करोड़ रुपए के बजट का इंतजाम भी कर दिया था, मगर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। इस वजह से ज्वेलर्स के मन में आशंका पनप रही है। श्री मुंबादेवी दागीना बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजू सोलंकी का कहना है कि मुंबा देवी कॉरिडोर बनाने की बात कही जा रही है, मगर मुंबा देवी से सटे दागीना बाजार का विकास ज्वेलर्स की सहमति से ही होगा, जिसके लिए सरकार ने कोई पहल नहीं की है। जिन ज्वेलर्स की दुकानें तोड़ी जाएंगी, उन्हें भरोसे में नहीं लिया गया है। यह भी नहीं बताया गया कि दुकान के बदले जगह कहां दी जाएगी।
सैकड़ों साल से जमा कारोबार उजड़े नहीं
एपीजे ज्वेलर्स के ललित पलरेचा पुनर्विकास के पक्ष में तो हैं, मगर वे सरकार से ज्वेलरी बाजार और मौजूदा कारोबार को ध्यान में रखकर ही कदम उठाने की दरख्वास्त भी करते हैं। वे कहते हैं, ‘पुनर्विकास के लिए हमारी दुकानें ली जाती हैं तो हम देने के लिए तैयार हैं। हालांकि, हमें इसी इलाके में दुकानें चाहिए, ताकि हमारा सैकड़ों साल से जमा कारोबार उजड़े नहीं, बल्कि नई पहचान के साथ चमके।
जबरन थोपी जा रही है योजना
सिल्वर इम्पोरियम के प्रबंध निदेशक राहुल मेहता कहते हैं कि सरकार ने सराफों और कारोबारियों को अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। इस वजह से भ्रम है। सरकार पहले कारोबारियों को बताए कि पुनर्विकास किस तरह होगा, उसमें कितना समय लगेगा? साथ ही समय पर काम पूरा होने की गारंटी भी दे। कोई भी योजना कारोबारियों पर जबरन नहीं थोपी जानी चाहिए।