सामना संवाददाता / मुंबई
देशभर के सभी बड़े शहरों में भीड़भाड़ का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। बढ़ते शहरीकरण के साथ-साथ यातायात जाम की समस्या भी तेजी से गंभीर होती जा रही है। बड़े शहरों में कुछ किलोमीटर की यात्रा के लिए घंटों ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता है। इससे रोजाना यात्रा करने वालों को मानसिक और शारीरिक तनाव का सामना करना पड़ता है। भारी ट्रैफिक के चलते शहरों में रेंगने वाले वाहनों की तादात भी कम नहीं हो रही है। ऐसे शहरों की सूची में विश्व के टॉप टेन शहरों में भारत के ७ शहर हैं। मुंबई इस सूची में छठे स्थान पर है। यहां ३ मिनट २४ सेकंड में सड़क पर वाहन से एक किलोमीटर की दूरी तय होती है। शहरों के ट्रैफिक पर नजर रखनेवाली नीदरलैंड की संस्था ‘टॉम टॉम ट्रैफिक इंडेक्स’ की रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।
कोलकाता के ट्रैफिक
का हाल है सबसे बुरा!
देश में सड़कों पर ट्र्रैफिक का सबसे बुरा हाल कोलकाता में है। बंगलुरू दूसरे नंबर पर है। पुणे का नंबर चार है। मुंबई की बात करें तो यहां तमाम वजहों के चलते ट्रैफिक रेंगता है। ऐसे में कोलकाता और मुंबई जैसे ट्रैफिक से बेहाल शहरों में वाहनों से चलने से ज्यादा पैदल चलना बेहतर साबित हो रहा है। बता दें कि शहरों में भारी ट्रैफिक की वजह से यात्रा के बढ़ते समय के कारण देश की समग्र उत्पादकता में कमी और नागरिकों के मानसिक तनाव में वृद्धि जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। ‘टॉम टॉम ट्रैफिक इंडेक्स’ २०२४ के अनुसार, पिछले साल में ७६ प्रतिशत शहरों में औसत यातायात गति में गिरावट दर्ज की गई है। उनमें से एक मुंबई भी है। मुंबई में लगभग ७०० वाहन रोजाना रजिस्टर हो रहे हैं। फिलहाल मुंबई में कुल ३.७ लाख वाहन पंजीकृत हैं। इसके अलावा मुंबई से सटे ठाणे, मीरा- भायंदर, भिवंडी, नई मुंबई से रोजाना लाखों वाहनों का मुंबई में आना जाना होता है।
भारत में गंभीर हालात
भारत के बड़े शहरों में भी यातायात की समस्या गंभीर हो गई है। भारत के तीन शहरों ने दुनिया के सबसे धीमी गति वाले शीर्ष ५ शहरों में जगह बनाई है। इस सूची में पहले शीर्ष स्थान पर रहा लंदन अब नीचे खिसक कर पांचवें स्थान पर आ गया है।
इन शहरों की हालत खराब
बंगलुरु यातायात जाम के लिए कुख्यात है। यहां २०२३ की तुलना में १० किलोमीटर की यात्रा के लिए लगने वाला औसत समय ५० सेकंड बढ़ गया है। वर्तमान में, १० किमी की यात्रा के लिए औसतन ३४ मिनट और १० सेकंड लगते हैं। कोलकाता ने बंगलुरु को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां १० किमी की यात्रा के लिए औसतन ३४ मिनट और ३३ सेकंड का समय लगता है।