सामना संवाददाता / मुंबई
देश के सबसे लंबे समुद्री पुल अटल सेतु पर हर रोज औसतन २३,००० से भी कम गाड़ियों का आना-जाना हुआ। यह हर रोज ५६,००० से अधिक वाहनों के आवागमन के शुरुआती अनुमान से कम है।
बता दें, मुंबई में इस सेतु का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १२ जनवरी, २०२४ को किया था। यह लगभग २२ किलोमीटर लंबा है। यह शिवड़ी को नई मुंबई से जोड़ता है, जो महाराष्ट्र में एक प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजना के पूरा होने का प्रतीक है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह सेतु लगभग १७,८४० करोड़ रुपए की लागत से बना है।
मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने कहा कि अटल सेतु (पूर्व में मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक) आधुनिक बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और दक्षता के प्रतीक के रूप में उभर रहा है। सेतु, जो ठाणे खाड़ी को पार करता है, ने पिछले साल ८३,०६,००९ वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाया, जिससे मुंबई और नई मुंबई के बीच सुगम और तेज आवागमन में महत्वपूर्ण योगदान मिला। एमएमआरडीए की एक रिपोर्ट के मुताबिक, २०२१ तक औसतन ५७,५२५ गाड़ियों के हर रोज पुल का उपयोग करने का अनुमान है। २०३१ तक ८८,५५० वाहन प्रतिदिन पुल का उपयोग करेंगे।
उद्घाटन के बाद से २२,६८९ वाहनों के औसत दैनिक यातायात के साथ, पुल ने १४ जनवरी, २०२४ को लोगों के उपयोग के लिए खोले जाने के ठीक बाद ६१,८०७ वाहनों की एक दिन की उच्चतम संख्या देखी।
एमएमआरडीए ने बताया कि पिछले एक साल में ७७,२८,१४९ कारें, ९९,६६० मिनी बसें और एलसीवी, १,१७,६०४ बसें और ट्रक, १,९९,६३६ तीन चक्का गाड़ियां, १,६०,०६१ चार से अधिक चक्का वाले वाहन और ८९९ बड़े वाहनों ने अटल सेतु का इस्तेमाल किया।
तीन विशेष टीमें यातायात की निगरानी करने, चिकित्सा सहायता प्रदान करने तथा व्यवधानों को दूर करने, खतरों को कम करने और उच्च सुरक्षा मानकों को बनाए रखने के लिए २४/७ काम करती हैं।
एक साल में ८० लाख वाहन पुल से गुजरे
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हवाले से कहा गया है कि सिर्फ एक साल में इसने ८० लाख से अधिक वाहनों के आवागमन के अनुभव को बदल दिया है, जिससे क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिला है। अटल सेतु में मजबूत यातायात प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली, जिसमें एडवांस यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस), अग्नि-बचाव वाहन (एफआरवी), रख-रखाव दल और गश्ती यूनिट्स शामिल हैं।