सामना संवाददाता / मुंबई
विधानसभा चुनाव में महिलाओं का वोट पाने के लिए भाजपा ने लाड़ली बहन योजना शुरू कर सभी महिलाओं को १,५०० रुपए प्रतिमाह देने का वादा किया, लेकिन सरकार बनने के बाद महिलाओं को धमकाकर पैसे वापस लेने की बातें की जा रही हैं। जिन महिलाओं को इस योजना के तहत पैसे दिए गए हैं, अब उसके दस्तावेजों के जांच की आड़ में उन्हें योजना से बाहर करने की योजना है। इतना ही नहीं, जिनके दस्तावेजों में गड़बड़ी पाई जाएगी, उन्हें पैसे लौटाने होंगे। अन्यथा सरकारी पैसे के दोहन के आरोप में उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होगा और फिर उन्हें जेल भी भेजा जाएगा। इस सरकार की इस नीतियों को लेकर लाडली बहनों का अब टेंशन बढ़ गया है। उन्हें अब साफ लगने लगा है कि महायुति ने उनके साथ विश्वासघात किया है। पहले उन्हें इस योजना का लाभ देकर झांसे में फंसाया और उनका वोट लिया अब उनकी जांच कर उन्हें जेल में भेजने की बात कर रही है। भाजपा नेतृत्व की महायुति सरकार को अपने वादे पूरे करते हुए सभी बहनों को हर महीने २,१०० रुपए देने चाहिए, ऐसी मांग लाडली बहनों की ओर से की जा रही है। लेकिन सरकार है कि इन्हें अपने वादे के अनुसार २,१०० रुपए देने की बजाय उनकी जांच शुरू कर दी है। जो लाडली बहने अपात्र होंगी, उनसे खाते में जमा पैसे वापस वसूले जाएंगे। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने यह भी बताया है कि महिला लाभार्थियों द्वारा यह दर्ज किया जाएगा कि वे एक ही समय में दो योजनाओं का लाभ तो नहीं ले रही हैं। विभाग के अधिकारियों द्वारा विभिन्न दस्तावेजों की जांच करके उन्हें अपात्र घोषित कर दिया जाएगा।