-एक दिन बाद ही लेना पड़ा फैसला
-ठेकेदारों ने अस्पतालों में दवाइयों की फिर शुरू की आपूर्ति
सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में फिर से सत्ता में आने के लिए विभिन्न योजनाओं पर पानी की तरह पैसे बहाने वाली ‘ईडी’ सरकार की तिजोरी खाली हो चुकी है। आलम यह है कि जनता के लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए भी फंड की कमी देखी जा रही है। इस फेहरिस्त में मुंबई के मनपा अस्पताल भी शामिल हो गए हैं, जो कई जरूरी सुविधाओं की मार झेल रहे हैं। इसी में अस्पतालों को दवा आपूर्ति करनेवाले १५० ठेकेदारों ने जल्द बिल भुगतान पर लिखित आश्वासन देने तक सोमवार से दवाइयों की सप्लाई बंद कर दी थी। दूसरी तरफ आनेवाले दिनों में मुंबई में मरीजों के सामने पैदा होनेवाली भयंकर स्थिति से ‘ईडी’ २.० डर गई। इसलिए दूसरे दिन ही सरकार के अधीन काम करनेवाली मनपा ने पैâसला लेते हुए लिखित आश्वासन दिया है कि ५० फीसदी बिल की अदायगी अगले १५ दिनों में, जबकि शेष ५० फीसदी राशि को १५ फरवरी तक चुका दिया जाएगा। इसके तुरंत बाद दवा आपूर्तिकर्ताओं ने मनपा अस्पतालों में फिर से सप्लाई शुरू कर दी है।
इस तरह होगी बिल की अदायगी
मनपा उपायुक्त (स्वास्थ्य) संजय कुर्हाडे ने बताया कि आपूर्तिकर्ताओं के बिलों का भुगतान करने के लिए अतिरिक्त आयुक्त (स्वास्थ्य) के साथ बैठक आयोजित की गई। इसमें सभी अस्पतालों के डीन, अधीक्षक एकाउंट ऑफिसर, सतर्कता अधिकारी आदि उपस्थित थे। इसमें पैâसला लिया गया कि मनपा के प्रमुख अस्पतालों के पास २० करोड़, सतर्कता अनुपालन के लिए पांच करोड़ और एमजेपीजेएवाई के तहत ३५ करोड़ रुपए समेत ५० फीसदी राशि को एक सप्ताह में अदा कर दिया जाएगा। शेष ५० फीसदी राशि का भुगतान १५ फरवरी तक कर दिया जाएगा।
अस्पतालों में बचा कम स्टॉक
केईएम, नायर, कूपर और सायन मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ उपनगरीय अस्पतालों में दवाओं का स्टॉक बहुत कम बचा है, जो केवल कुछ दिन ही चलता। इससे यह संभावना जताई जा रही थी कि अगले कुछ दिनों में मनपा अस्पतालों की हालत काफी खराब हो जाएगी।