सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप हास्यास्पद हैं। देश के इतिहास में कई लोग गृह मंत्री बने, लेकिन अब तक कोई भी तड़ीपार नहीं हुआ है। इन शब्दों में राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने अमित शाह का नाम लिए बगैर उनपर परोक्ष रूप से अमित शाह को मुंहतोड़ जवाब दिया।
शरद पवार ने आगे कहा कि जब अमित शाह का गुजरात में रहना मुश्किल हो गया था, तब उन्होंने हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे की मदद ली थी। अमित शाह के आरोपों का जवाब खुद शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे देंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष १९७८ में जब मैं मुख्यमंत्री था, तब करीब ४० साल पहले गृह मंत्री कहां थे। यह मुझे नहीं पता है। उस काल में वे राजनीति में थे भी या नहीं, इसकी भी जानकारी मुझे नहीं है। उन्हें शायद यह पता नहीं होगा कि जनसंघ के कई नेता मेरे मंत्रिमंडल में काम कर चुके हैं। इसमें उत्तम राव पाटील जैसे कई नेताओं का समावेश है। उस समय नेताओं में सुसंवाद हुआ करता था। लेकिन अब के नेताओं में वह संवाद ही कहीं खत्म चुका है।
शरद पवार ने कहा कि देश की आजादी के बाद सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों में से एक सरदार पटेल ने आजादी के बाद सबसे प्रभावी काम किया और देश के सभी राज्यों को एकीकृत किया। स्वतंत्रता के बाद उत्तर प्रदेश के पंडित गोविंद वल्लभ पंत देश के गृह मंत्री बने। महाराष्ट्र से यशवंतराव चव्हाण और शंकरराव चव्हाण देश के गृह मंत्री थे। सभी ने अपने पद की गरिमा और प्रतिष्ठा बनाए रखी। शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री ने जो भाषण दिया, उसमें उन्होंने मेरे और उद्धव ठाकरे के बारे में जो टिप्पणियां की उस पर बात न करना ही बेहतर है। उन्होंने कहा कि भुज में भूकंप आया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई। एक समस्या पैदा हुई। बताया गया कि ये संकट आने वाले हैं। हमें भारी बारिश, बाढ़ और भूकंप के लिए नीति तय करनी होगा। इसके लिए वाजपेयी ने मुझे जिम्मेदारी सौंपी। जब मैं विपक्ष में था तो उन्होंने मुझे मंत्री का दर्जा दिया और यह काम सौंप दिया। यह पृष्ठभूमि भाजपा नेता की है।