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इंटरपोल की सिल्वर नोटिस … अब दाऊद का क्या होगा? …‘डी’ ने धन शोधन के जरिए भारत में अरबों की प्रॉपर्टी है खरीदी

– पाकिस्तान कोई जानकारी साझा करने को नहीं है तैयार
फिरोज खान / मुंबई
इंटरपोटल ने पहली बार सिल्वर नोटिस जारी किया है। यह सीमा पार धनशोधन का पता लगाने में मदद करेगा। इसमें नशीले पदार्थों की तस्करी, धोखाधड़ी और गंभीर अपराध शामिल हैं। यह सिल्वर नोटिस संपत्तियों, वित्तीय खातों और कारोबार से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने में मदद करेगा। ऐसे में सबसे पहला सवाल है कि यह सिल्वर नोटिस भारत के भगोड़े और १९९३ मुंबई ब्लास्ट के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम पर शिकंजा कस पाएगा या नहीं?
जानकारों का मानना है कि दाऊद इब्राहिम ने भारत में ड्रग्स स्मगलिंग से अरबों रुपए का धंधा किया, साथ ही संगीन अपराधों के जरिए करोड़ों रुपए की कमाई की और पैसा विदेशों में जमा करके संपत्ति खरीदी। बावजूद इसके सिल्वर नोटिस के जरिए उसके खिलाफ कार्रवाई मुश्किल नजर आती है। इसकी सबसे बड़ी वजह है पाकिस्तान, क्योंकि भारत का पाकिस्तान के साथ म्यूचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी एग्रीमेंट नहीं है। यानी पारस्परिक कानूनी सहायता संधि नहीं है। इस संधि के जरिए दो देशों के बीच एक समझौता होता है। इस समझौते के तहत, देश आपराधिक मामलों में एक-दूसरे को औपचारिक सहायता देते हैं।

कराची के सेफ हाउस में
दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान के कराची शहर के एक सेफ हाउस में रहता है। पाकिस्तान मानता ही नहीं कि दाऊद वहां रहता है। ऐसे में वह भारत को दाऊद इब्राहिम के आपराधिक मामले तथा प्रॉपर्टी की जानकारियां साझा करने से रहा।

खरबों की है प्रॉपर्टी
हर कोई जानता है कि दाऊद इब्राहिम ने भारत में संगीन अपराधों के जरिए खरबों रुपए कमाकर देश के साथ ही विदेशों में भी होटल्स, मॉल आदि संपत्तियां बनाई हैं। इनमें से कई बेनामी भी हैं। इनका पता लगाना आसान नहीं है।

१० जनवरी को नया नोटिस
गत १० जनवरी को इंटरपोल ने एक नया सिल्वर नोटिस जारी किया है, जिसके माध्यम से मानव तस्करी, ड्रग्स, सायबर क्राइम, आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार समेत किसी भी तरह के अपराध से कमाए पैसों से विदेशों में खड़ी की गई संपत्ति का पता लगाने में अहम काम करेगा।

भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं है प्रत्यर्पण संधि!
ऐसे में दाऊद को लाना है मुश्किल
भारत और पाकिस्तान के बीच एमएलएटी संधि के अलावा प्रत्यर्पण संधि भी नहीं है। यही कारण है कि भारत के भगोड़े और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने वाले दाऊद को अब तक भारत नहीं लाया जा सका है। दाऊद के अलावा भारत ने लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और २६/११ हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की थी, तब पाकिस्तान ने इस मांग को यह कहकर खारिज कर दिया था कि उसके भारत के साथ कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं है।
सिल्वर नोटिस क्या है?
पहले इंटरपोल के आठ रंगों के नोटिस होते थे। अब सिल्वर के जुड़ने से यह संख्या नौ हो गई है। रेड नोटिस का उपयोग किसी भगोड़े अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए किया जाता है। नए सिल्वर नोटिस का उपयोग उन अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने के लिए किया जाएगा, जिन्होंने अपराध के जरिए अवैध धन कमाया और अन्य देशों में स्थानांतरित किया। यह नोटिस उन लोगों के खिलाफ भी काम करेगा, जिन्होंने अपने अवैध धन को टैक्स हैवन या अन्य देशों में ट्रांसफर किया है। टैक्स हैवन का आशय ऐसे देशों से है, जो विदेशी नागरिकों को टैक्स में छूट देते हैं, ताकि उनके देश में पैसा लगाने पर कोई टैक्स न लगे।

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