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उपचार केंद्र बना आवासीय भवन …कैंसर, थैलेसीमिया समेत अन्य रक्त विकारों का इलाज कराना होगा आसान

 

मरीजों के परिजनों की दिक्कतें होंगी दूर

सामना संवाददाता / मुंबई
सार्वजनिक-निजी भागीदारी के जरिए किसी परियोजना को कितने प्रभावी ढंग से क्रियान्वित किया जा सकता है, इसका एक अच्छा उदाहरण बोरीवली-पूर्व में मनपा द्वारा संचालित व्यापक थैलेसीमिया देखभाल, बाल चिकित्सा रक्त विकार-वैंâसर और बोनमैरो प्रत्यारोपण उपचार केंद्र का आवासीय भवन है। यह प्रणाली विशेष रूप से उन माता-पिता के लिए एक बड़ी राहत होगी, जो अपने बच्चों के इलाज के लिए मुंबई आते हैं। इसके बनने से मरीजों के परिजनों के सामने खाने, पीने और रहने की दिक्कत का निराकरण होगा। इस तरह का वक्तव्य मनपा आयुक्त व प्रशासक भूषण गगरानी ने दिया।
मनपा द्वारा संचालित व्यापक थैलेसीमिया देखभाल, बाल रक्त विकार-वैंâसर और बोनमैरो प्रत्यारोपण उपचार केंद्र अस्पताल बोरीवली पूर्व में कार्यरत है। इस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले बच्चों और उनके माता-पिता के लिए आवास, भोजन आदि जैसी सुविधाएं प्रदान करने वाले होम अवे प्रâॉम होम भवन का उद्घाटन गगरानी ने किया। इस मौके पर वे बोल रहे थे। कार्यक्रम में उपायुक्त (स्वास्थ्य) संजय कुर्हाडे, परिमंडल ७ की उपायुक्त भाग्यश्री कापसे, आर मध्य विभाग की सहायक आयुक्त संध्या नांदेडकर, सायन अस्पताल के डॉ. मोहन जोशी, केंद्र की निदेशक संचालक डॉ. ममता मंगलानी, उपनिदेशक डॉ. संतोष खुडे, एक्सेस लाइफ असिस्टेंट फाउंंडेशन के सह संस्थापक अंकित दवे, लॉर्सन एंड टुब्रो में सीएसआर विभाग प्रमुख माबेल अब्राहम आदि उपस्थित थे। डॉ. ममता मंगलानी ने कहा कि निजी अस्पतालों में बोनमैरो प्रत्यारोपण पर करीब २५ से ६० लाख रुपए तक खर्च आ सकता है। हालांकि, इस केंद्र में यह सुविधा निःशुल्क है। सायन अस्पताल के डीन डॉ. मोहन जोशी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। टाटा ट्रस्ट ने इस केंद्र के लिए शुरू में १० करोड़ रुपए का दान दिया था। इसके बाद अब तक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष के साथ-साथ सीएसआर के जरिए दानदाताओं से ५० करोड़ से अधिक का फंड मिला है।

७ वर्षों में पंजीकृत हुए ६८,९५९ मरीज
साढ़े ७ वर्षों में केंद्र की ओपीडी में ६८,९५९ रोगी पंजीकृत हुए हैं। ७,५०० नए मरीज पंजीकृत हुए हैं। आज तक १,९५५ रोगियों को थैलेसीमिया उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। इसी तरह वैंâसर से पीड़ित १,३३१ बच्चों और रक्त विकार से पीड़ित १,४८३ बच्चों का इलाज किया गया। जून २०१८ से जनवरी २०२५ तक ३९१ बोनमैरो प्रत्यारोपण पूरे किए गए। इसी के साथ ही यह केंद्र हर साल लगभग ६० से ८० बोनमैरो प्रत्यारोपण करता है।

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