-अघोर पीठ पर तीन दिवसीय अवधूत देशना पर्व का समापन
विक्रम सिंह / सुलतानपुर
धृति: क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रह:।
धीर्विद्या सत्यमक्रोधो दशकम् धर्मलक्षणम्। अर्थात धैर्य, क्षमा, संयम, चोरी न करना, पवित्रता, इंद्रिय नियंत्रण, बुद्धि, विद्या, सत्य बोलना और क्रोध न करना, धर्म के ये दस लक्षण हैं। यही सनातन है, यही मानवता है, इससे बाहर तो कुछ भी नहीं। दक्षिण-पूर्व एशियायी देशों, कम्बोडिया, वियतनाम, थाईलैंड, इंडोनेशिया, सिंगापुर, म्यांमार, मलेशिया, लाओस के साथ ही पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, नेपाल, तिब्बत, भूटान, मालदीव, श्रीलंका आदि जम्बूद्वीप में आते थे और सभी देशों में सनातन और हिंदू संस्कृति समाज के अंग-अंग में घुल-मिल गयी थी।
ये कहना है भाजपा के पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष व समाजशास्त्री डॉ. एमपी सिंह का। वे बाबा सत्यनाथ अघोर पीठ, नूरपुर कादीपुर में कपाली बाबा के संयोजन में ‘वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सनातन की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बोल रहे थे। अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ पर तीन दिवसीय अवधूत देशना पर्व का बुधवार को समापन हो गया। संगोष्ठी में देश के कई ख्यातिलब्ध विद्वानों ने अपने अपने विचार रखे। कवि-साहित्यकार व पूर्व राजनेता हनुमान सिंह ने कहा कि जब सनातन पीड़ित होता है, तब महापुरुष अवतरित होते हैं। जिस रास्ते पर महापुरुष चलते हैं वह धर्म बन जाता है। यूपी के पूर्व सीएम स्व. श्रीपति मिश्र के पुत्र प्रमोद मिश्र ने कहा कि जातियों को समाप्त करना होगा। सनातन का संकट बाहरियों से नहीं खुद से ही है। डॉ. करुणेश भट्ट ने कहा कि अगर हम आज नहीं चेते तो भविष्य संकट में होगा।
राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रो. ज्ञानेंद्र विक्रम ने सनातन के मूल तत्व को समझ कर उसका प्रसार करने की जरूरत पर बल दिया। अजय बहादुर सिंह ने कहा कि विश्व शांति के लिए सनातन परम्परा का पालन आवश्यक है। डॉ. करुणेश भट्ट ने कहा कि अगर हम आज नहीं चेते तो भविष्य संकट में होगा। रायबरेली के नसीराबाद पूर्व राजपरिवार के सदस्य राय अभिषेक ने कहा कि बच्चों में सनातन संस्कृति के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है। मथुरा-वृंदावन से आये महामंडलेश्वर सच्चिदानंद पशुपति महाराज ने सनातन धर्म कर अपना व्याख्यान दिया।
अघोरपीठ बाबा सत्यनाथ मठ के पीठाधीश्वर अवधूत उग्र चण्डेश्वर कपाली बाबा के आशीर्वचन के साथ संगोष्ठी का समापन किया। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येंदु व संचालन मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। संगोष्ठी में नगरपंचायत अध्यक्ष आनंद जायसवाल, कानपुर के अभिमन्यु सक्सेना, राम चंद्र यादव फौजी, एड. राकेश सिंह, डॉ. राम प्यारे प्रजापति, पवन कुमार सिंह आदि ने भी अपने विचार रखे। मठ परिसर में प्रतापगढ़ के पट्टी से आए डॉ. दयाशंकर गुप्त के निर्देशन में मेडिकल कैम्प आयोजित किया गया। डॉ. अजय यादव, डॉ. प्रतिभा त्रिपाठी, डॉ. विजय पाल के साथ पूरी पैरामेडिकल टीम ने लगभग पांच सौ साठ लोगों का निःशुल्क चिकित्सा परीक्षण कर दवायें वितरित की गईं। अभिमन्यु मौर्य, राहुल पाण्डेय सहित अनेक गायक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमूह का मनमोह लिया।
तीन दिवसीय अवधूत देशना पर्व मकरसंक्रांति महोत्सव में पवन कुमार सक्सेना, अभिमन्यु सक्सेना, टिंकू सिंह, देवनारायण सिंह, प्रभाकर सिंह, विजय गिरी, सुरेंद्र सिंह, केशरी सिंह, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, वीरेंद्र भार्गव आदि ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।