अनिल मिश्र / रांची
पूरे देश में साइबर ठगी का बीजारोपण करने वाले झारखंड प्रदेश के जामताड़ा का नाम से पूरे भारत के लोग वाफिक हैं। डिजिटल दुनिया के आगाज होते ही बेरोजगार युवाओं द्वारा इसी जामताड़ा से सबसे पहले साइबर अपराध का कारनामा शुरू हुए हैं। इसी जामताड़ा के साइबर अपराध पर बेब सीरीज भी बना है, लेकिन गनीमत है कि पुलिस प्रशासन के सख्ती के बाबजूद यहां के साइबर अपराधी दूसरे के बैंक अकाउंट से पैसे निकालने में बाज नहीं आ रहे हैं। इसी मामले में सोमवार को जामताड़ा पुलिस ने तीन अंतर्राज्यीय साइबर अपराधी को शिकंजे में लिया है।
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक जामताड़ा को मिली गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस उपाधीक्षक चंद्र शेखर के नेतृत्व में पुलिस निरीक्षक जयंत तिर्की, पुलिस निरीक्षक देवेंद्र कुमार वर्मा, पुलिस अवर निरीक्षक बिनोद सिंह, पुलिस अवर निरीक्षक जाहीद अंसारी एवं अन्य पुलिसकर्मी को शामिल करते हुए बिन्दापाथर थानान्तर्गत ग्राम आमझरिया स्थित जंगल में साइबर अपराधियों के विरुद्ध छापामारी कर साइबर अपराध करते हुए तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। साइबर अपराधी मुरतेजीम अंसारी, उम्र 33 वर्ष, जैनुल अंसारी, उम्र 20 वर्ष, लालु अंसारी, उम्र 19 वर्ष, तीनों ग्राम खैरा, थाना बिन्दापाथर, जिला जामताडा को छह फर्जी मोबाईल, नो सिम के साथ पकड़ा गया। इस संबंध में इनके विरूद्ध जामताडा साइबर अपराध थाना कांड संख्या 04/25 दिनांक 13.01.2025 घारा 111(2) (ii)/317(2)/318(4)/319(2)/336(3)/338/340(2)/3(5) बी.एन.एस 2023 व 66(बी) (सी) (डी) आईटी.एक्ट. के अंतर्गत किया गया है। गिरफ्तार मेजिक पीन एप से फ़ोन पे में 2,000 रुपए का कैश बरामद किया है।
पकड़े गए अपराधियों ने पुलिस के समक्ष अपने बयान में कहा कि पहले आम लोगों को बैक का मैसेज भेजते है तथा ग्राहक को एक्सेप्ट करने के लिए बोलते हैं, जैसे ही ग्राहक के द्वारा एक्सेप्ट किया जाता है तो इन लोगों का मेजिक पीन एप में पैसा आ जाता है। गिरफ्तार इन तीनों साइबर अपराधियों ने बताया कि बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक के लोगों को झांसे में लेकर उनका बैंक अकाउंट खाली कर देते थे।गिरफ्तार तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है।