बिना पर्यावरण मंजूरी के हुई शुरू
रु. २,१०० करोड़ आ रही है लागत
सामना संवाददाता / मुंबई
खारघर-तुर्भे लिंक रोड परियोजना, जिसमें पांडवकड़ा की हरियाली से होकर सुरंग बनाई जा रही है। इसे लेकर पर्यावरणविद चिंतित हैं। यह परियोजना २,१०० करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। आरटीआई (सूचना का अधिकार) से खुलासा हुआ है कि इस परियोजना के लिए कोई पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए) रिपोर्ट नहीं तैयार की गई।
नई मुंबई की संस्था `नेट कनेक्ट फाउंडेशन’ ने महाराष्ट्र राज्य पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग से इस बारे में जानकारी मांगी। उसके जवाब में विभाग ने कहा कि उनके पास इस परियोजना से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहीं है। नेट कनेक्ट फाउंडेशन के निदेशक बीएन कुमार ने इस जवाब को `पर्यावरण की अनदेखी का उदाहरण’ बताया। खारघर पहाड़ियों के हिस्से पांडवकड़ा में पौधों की २३९ प्रजातियां, पक्षियों की १७९, स्तनधारियों की १२ और कई अन्य प्रजातियां पाई जाती हैं। यहां गोल्डन जैकाल और तेंदुए भी देखे गए हैं। पहले इस क्षेत्र को इको-टूरिज्म साइट के रूप में विकसित करने की योजना थी, लेकिन इस सड़क परियोजना के कारण इसे छोड़ दिया गया। खारघर हिल्स एंड वेटलैंड फोरम की संयोजक ज्योति नाडकर्णी ने बताया कि यह सड़क परियोजना इस क्षेत्र की जैव विविधता को नष्ट कर देगी। उन्होंने कहा, `पर्यावरण संरक्षण और विकास में संतुलन होना चाहिए, लेकिन सिडको सिर्फ विकास के नाम पर पर्यावरण को खत्म कर रहा है।’
सड़क परियोजना की रूपरेखा
इस सड़क परियोजना में खारघर की पहाड़ियों से होकर १८ किलोमीटर लंबी दो सुरंगें और ३.४ किलोमीटर का एलिवेटेड वायडक्ट बनाया जाएगा। यह सड़क तुर्भे से शुरू होकर सायन-पनवेल हाईवे के किनारे से होते हुए खारघर के सेंट्रल पार्क जंक्शन पर समाप्त होगी।
स्थानीय लोगों और पर्यावरणविदों की चिंता
स्थानीय आदिवासी लोगों का कहना है कि यह परियोजना उनकी भूमि और जल स्रोतों को नष्ट कर देगी। बीएन कुमार ने सिडको पर पहले भी खारघर के एक पहाड़ को नष्ट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, `अगर सही तरीके से जल संरक्षण किया जाए, तो यह क्षेत्र खारघर की पानी की जरूरतों को पूरा कर सकता है।’