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उल्हासनगर में पचास सालों से बसे हजारों लोगों का छिन जाएगा आशियाना! …चुनाव बीतते ही विकास के नाम पर रहिवासियों के घरों पर चलेगा हथौड़ा

सामना संवाददाता / उल्हासनगर
उल्हासनगर महापानगरलिका अंतर्गत शहाड फाटक में पचास साल से अधिक समय से बसे लोगों से महापानगरलिका और रेलवे विभाग ने विकास के नाम पर उनके आशियाने छीनने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गत दिवस मनपा और रेलवे के अधिकारियों ने पचास सालों से अधिक समय से बसे लोगों के घरों का सर्वेक्षण करने के साथ मार्विंâग की है। इसके बाद यहां के निवासियों में खलबली मची हुई है। बता दें कि उल्हासनगर में अवैध निर्माण के नाम पर पचास सालों से अधिक समय से बसे लोगों का घरतो तोड़ दिया जाता है, लेकिन उन्हें किसी प्रकार का मुआवजा दिया जाता है और न ही उनका पुनर्वास किया जाता है। केवल आश्वासन की घुट्टी पिलाकर गरीबों को राम भरोसे छोड़ दिया जाता है। बताया जाता है कि रेलवे की दो लाइन बढ़ने वाली हैं। यह दोनों लाइन केवल उल्हासनगर की तरफ से ही जा रही है। जबकि होना ऐसा चाहिए कि ईस्ट-बेस्ट दोनों तरफ से एक-एक लाइन जानी चाहिए। लेकिन रेलवे प्रशासन ने एक तरफ से दोनों लाइनों को निकालकर उल्हासनगरवासियों को उजाड़ने की नीति तैयार की है। बताया जाता है कि इस संदर्भ में स्थानीय सांसद डॉ. श्रीकांत शिंदे की महत्वपूर्ण भूमिका है। स्थानीय लोगों को डॉ. शिंदे आश्वासन तो दे रहे है कि विकास कार्य में जिन लोगों के घर या दुकान जाएंगे, उनका पुनर्वास किया जाएगा। लेकिन मनपा प्रशासन का पिछले रिकार्ड को देखते हुए लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि मनपा और रेलवे मिलकर पचास साल से पहले के बसे लोगों को न्याय देंगे।

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