मुख्यपृष्ठनए समाचारमुंबई की आबोहवा में घुला है जहर ... टाटा मैराथन के धावकों...

मुंबई की आबोहवा में घुला है जहर … टाटा मैराथन के धावकों के स्वास्थ्य पर पड़ेगा असर!

-प्रतियोगियों की जिम्मेदारी लें आयोजक
-आवाज फाउंडेशन की अपील

सामना संवाददाता / मुंबई
कल यानी रविवार को मुंबई में टाटा मैराथन का आयोजन किया जा रहा है। इसमें हजारों की संख्या में धावक हिस्सा लेते हैं। लेकिन, मुंबई की हवा में घुला जहर इस बार दौड़ में हिस्सा लेने वाले धावकों के स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है। इस संभावना को ध्यान में रखते हुए आवाज फाउंडेशन ने पहली सुबह के वक्त मैराथन वाले मार्गों के वायु गुणवत्ता सूचकांक की गणना की। इसके बाद मनपा आयुक्त व प्रशासक को पत्र लिखकर इस बारे में अवगत कराते हुए अपील की है कि दौड़ में हिस्सा लेने वाले प्रतियोगियों की जिम्मेदारी आयोजक लें।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ हफ्तों से मुंबई में वायु प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर बना हुआ है। आलम यह है कि शहर में बढ़े प्रदूषण से सर्दी, खांसी, एलर्जी, श्वसन संबंधी रोगों समेत कई बीमारियां पैर पसारने लगी हैं। मौजूदा स्थिति ऐसी है कि निजी, मनपा और सरकारी अस्पतालों में मरीजों की कतारें लग रही हैं। एक तरफ मुंबई की आबोहवा जहरीली बनी हुई है, तो दूसरी तरफ रविवार को मुंबई में टाटा मैराथन का आयोजन होने जा रहा है। वहीं प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए आवाज फाउंडेशन ने मैराथन से ४८ घंटे पहले कल सुबह के समय मैराथन वाले मार्गों में पार्टिकुलेट मैटर २.५ के स्तर को जांचने के लिए सेंसर आधारित मॉनिटर का इस्तेमाल किया। इसमें पाया गया कि माहिम रेतीबंदर में सुबह ५ से ५.२० बजे तक एक्यूआई १२५ से १५४, शिवाजी पार्क, सावरकर स्मारक के बगल में सुबह ५.२९ से ५.४० बजे तक ११६ से १२५, सेंचुरी बाजार के बगल में सुबह ५.५२ से ६.०६ तक १०६ से ११७, जसलोक अस्पताल के बगल में सुबह ६.२२ से ६.३४ तक ११२ से १२५, मरीन ड्राइव में सुबह ६.४४ से ६.५९ तक १२३ से १३७, सीएसएमटी, के सामने सुबह ७.१२ से ७.२६ तक ११४ से १४३, वर्ली में सुबह ७.५३ से ८.०६ बजे के बीच १०१ से ११५, बिंदु माधव चौक के पास सुबह ८.१३ से ८.२७ तक एक्यूआई ९५ से १०५ दर्ज किया गया है।

ये हैं पीएम २.५
पार्टिकुलेट मैटर २.५ हवा में उपस्थित वे सूक्ष्म कण हैं, जिनका व्यास २.५ माइक्रोन या उससे भी कम होता है। इन्हें इंसान आसानी से सांस के माध्यम से अपने अंदर ले लेता है। पीएम २.५ मृत्यु और बीमारी का प्रमुख कारण हैं। पीएम २.५ की उच्च सांद्रता के संपर्क में आने से ब्रोंकाइटिस, अस्थमा आदि सहित श्वसन संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। नवीनतम अध्ययनों ने पीएम २.५ को दिल के दौरे, स्ट्रोक, वैंâसर और कई अन्य गंभीर बीमारियों से भी जोड़ा है।

अन्य समाचार