सामना संवाददाता / मुंबई
बोरीवली के संजय गांधी नेशनल पार्क में १४ साल बाद एक शेर का जन्म हुआ है। शेरनी `मानसी’ ने एक प्यारे से शावक को जन्म दिया है। नेशनल पार्क में रात करीब साढ़े नौ बजे यह खुशखबरी आई। शावक का जन्म के समय वजन १ किलो ३०० ग्राम था। वह और उसकी मां दोनों अच्छी स्थिति में हैं। साथ ही दोनों चिकित्सकीय देख-रेख में हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह आनंदमयी खबर संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना के दिन ही आई थी।
शुद्ध एशियाई नस्ल के मानस और मानसी के जोड़े को साल २०२२ में जूनागढ़ से संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में लाया गया था। लेकिन उसने अभी तक किसी शावक को जन्म नहीं दिया था। पिछले साल शेरनी मानसी भी बीमार पड़ गई थी। उसने १८ दिनों तक कुछ नहीं खाया था। ऐसे में उसके बचने की उम्मीद खत्म हो गई थी, लेकिन नेशनल पार्क के डॉक्टरों ने अथक प्रयास से मानसी की चौबीसों घंटे देखभाल करके बचा लिया। पशु चिकित्साधिकारी डॉ. विनय जंगले ने बताया कि बीमारी से पूरी तरह ठीक होने के बाद १०८ दिन की गर्भावस्था अवधि पूरी कर उसने एक शावक को जन्म दिया।
पहले शेर से खटपट…
फिर मिले सुर में सुर!
दरअसल, शेर मानस का शुरुआत में शेरनी मानसी से खटपट चल रही थी। मानस पहले डर के मारे उस पर टूट पड़ता था। उस पर हमेशा गर्जना करता रहता था। इससे मानसी भी हमेशा डरी-सहमी रहती थी। इस माहौल में दोनों को मिलाना आसान नहीं था, लेकिन नेशनल पार्क के डॉक्टरों और स्टाफ ने हार नहीं मानी। उन्होंने मानस-मानसी को एक साथ लाने की पूरी कोशिश की। इसमें उन्हें सफलता मिली और दोनों के सुर मिल गए। दोनों आखिरी बार ३० सितंबर को मिले और यह खुशखबरी पूरे नेशनल पार्क में पैâल गई। गर्भावस्था के दौरान मानसी की दादागिरी बढ़ गई थी। बताया गया है कि डेढ़ महीने के बाद पर्यटक शावक को देख सकेंगे।