मुख्यपृष्ठस्तंभक्या आप शिकारी हैं या किसान? जानें अपने स्वभाव को और बनाएं...

क्या आप शिकारी हैं या किसान? जानें अपने स्वभाव को और बनाएं सफलता की रणनीति

—भरतकुमार सोलंकी, अर्थशिल्पी

क्या आपने कभी सोचा हैं कि आपकी सोचने, काम करने और निर्णय लेने की शैली 10,000 साल पुरानी मानव इतिहास से जुड़ी हो सकती है? जब हमारा अस्तित्व शिकारी और भोजन संग्रहकर्ता के रूप में था, तो हमारी प्राथमिकता तुरंत निर्णय लेना और तेजी से कार्य करना था। लेकिन जब कृषि का आविष्कार हुआ, तो मानवता ने स्थायित्व, दीर्घकालिक योजना और अनुशासन को अपनाया। यही दो प्रवृत्तियां—शिकारी और किसान—आज भी हमारे स्वभाव और कार्यशैली में दिखती हैं। सवाल यह हैं कि आप कौन हैं—एक तेज़, निर्णयात्मक शिकारी या धैर्यवान, योजनाबद्ध किसान? और आप इस स्वभाव को अपने कार्यक्षेत्र और निवेश में कैसे उपयोग कर सकते हैं?

जब आप किसी नई योजना, अवसर या तकनीक के बारे में सुनते हैं, तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या होती है? यदि आप तुरंत उत्साहित हो जाते हैं और उसे अपनाने के लिए तैयार हो जाते हैं, तो आप शिकारी हैं। शिकारी तेज़ी से बदलते माहौल में खुद को ढालने और अवसरों को पहचानने में माहिर होते हैं। वे जोखिम लेने से नहीं डरते और तात्कालिक परिणाम प्राप्त करने पर ध्यान देते हैं। इसका सबसे अच्छा उदाहरण शेयर मार्केट में ट्रेडिंग हैं, जहां पल-पल बदलते भाव पर नजर रखकर तात्कालिक लाभ उठाना पड़ता हैं। ट्रेडिंग शिकारी स्वभाव वाले लोगों के लिए आदर्श हैं, क्योंकि वे दबाव में भी तेजी से निर्णय ले सकते हैं।

दूसरी तरफ, यदि आप हर कदम सोच-समझकर उठाते हैं, योजना बनाते हैं और लंबी अवधि के लिए काम करते हैं, तो आप किसान हैं। किसानों की तरह आप स्थिरता और अनुशासन में विश्वास रखते हैं। आपके लिए दीर्घकालिक लाभ और स्थायित्व महत्वपूर्ण हैं। निवेश के क्षेत्र में म्यूचुअल फंड, अचल संपत्ति या पीएफ जैसे विकल्प किसान प्रवृत्ति वाले लोगों के लिए उपयुक्त हैं। ये निवेश तात्कालिक लाभ नहीं देते, लेकिन समय के साथ बड़ा रिटर्न प्रदान करते हैं। किसान प्रवृत्ति वाले लोग इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकते हैं, क्योंकि उनके पास धैर्य और दूरदृष्टि होती हैं।

तो, क्या केवल एक प्रवृत्ति का होना पर्याप्त हैं? वास्तव में, सबसे सफल व्यक्ति वही हैं, जो शिकारी और किसान दोनों के गुणों का सही समय पर उपयोग करना जानता हो। कल्पना कीजिए, आप किसी तेजी से बदलते बाजार में ट्रेडिंग कर रहे हैं। यहां शिकारी की प्रवृत्ति काम आएगी, क्योंकि आपको तुरंत निर्णय लेना होगा। वहीं, अगर आप अपने दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्य तय कर रहे हैं, तो किसान की प्रवृत्ति आपके लिए फायदेमंद होगी। इन दोनों प्रवृत्तियों का संतुलन न केवल आपके कार्यक्षेत्र बल्कि आपकी वित्तीय स्थिति को भी मजबूत बना सकता हैं।

क्या आप जानते हैं कि इन प्रवृत्तियों को पहचानकर आप अपनी क्षमता को कैसे बढ़ा सकते हैं? अगर आप तेजी से निर्णय लेने में माहिर हैं, तो ट्रेडिंग में अपनी शिकारी प्रवृत्ति का उपयोग करे। वहीं, अगर आप अनुशासन और धैर्य में विश्वास रखते हैं, तो निवेश के क्षेत्र में अपनी किसान प्रवृत्ति को लागू करे। आप कौन हैं—शिकारी, किसान या दोनों? इस सवाल का जवाब न केवल आपको अपनी प्रवृत्ति समझने में मदद करेगा, बल्कि आपकी सफलता का आधार भी बनेगा।

अपने स्वभाव को पहचानें, उसे अपने जीवन और करियर में अपनाएं और अपनी सफलता की कहानी खुद लिखे।तो, क्या आप तैयार हैं?

अन्य समाचार