सामना संवाददाता / झुंझुनू
रसद विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े लोगों की करवाई जा रही ई-केवाईसी के मामले में झुंझुनू जिले की प्रदेश में अच्छी स्थिति है। इस मामले में झुंझुनू जिला प्रदेश में तीसरे नंबर पर है। यहां अब तक 55.93 फीसदी लोगों ने राशन कार्डों की ई-केवाईसी करवा ली है। वही पहले नंबर पर श्रीगंगानगर जिला है। जहां 56.67 प्रतिशत परिवारों ने ई-केवाईसी करवा ली है। दूसरे नंबर पर नागौर है। यहां 56.10 फीसदी लोगां की ई-केवाईसी हो चुकी है। इस मामले में सबसे निचले पायदान पर बांसवाड़ा है। यहां सिर्फ 20.34 फीसदी परिवारों ने ही ई-केवाईसी करवाई है।
सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा में अधिक से अधिक पात्र लोगों को लाभान्वित कराने के लिए लाभार्थियों की ई-केवाईसी कराई जा रही है। जिसकी अंतिम 31 जनवरी है। उसके बाद भी लाभार्थी ने ईकेवाईसी नहीं करवाई तो उसका नाम योजना से हटा दिया जाएगा। खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ नहीं मिलेगा। ई-केवाईसी नहीं कराने के पीछे प्रमुख कारण बच्चों के आधार कार्ड अपडेट नहीं होना है। परिवार में बेटियों की शादी के बाद भी राशन कार्ड से नाम नहीं हट पाए, जो राशन ले रहे हैं, सर्दी में कई बुजुर्गों के अंगूठे की निशानी नहीं आती है। वहीं नए नियम के तहत वाहन मालिक व आयकर दाता, जो अब तक राशन ले रहे थे, उन्हें भी वसूली का डर है।
ई-केवाईसी करवाने में श्रीगंगानगर जिला 56.67 प्रतिशत के साथ पहले पायदान पर है। दूसरे स्थान पर नागौर 56.10 फीसदी, झुंझुनू 55.93, कोटा 55.61, अजमेर 53.28, हनुमानगढ़ 52.87, पाली 52.61, जयपुर 52.55, बूंदी 51.48 जिलों में आंकड़ा 50 प्रतिशत का पार हो पाया है। जबकि सीकर में 48.57, चूरू में 47.93. बीकानेर में 47.63, भरतपुर में 47.23, टॉक में 47.14, जोधपुर में 47.11, अलवर में 46.01, चित्तौड़गढ़ में 44.53, करौली में 44.11, सवाई माधोपुर में 43.81, दौसा में 43.68, भीलवाड़ा में 34.47, झालावाड़ में 34.12, बाड़मेर में 40.89, सिरोही में 38.31, बारां में 37.53, जालोर में 37.34, राजसमंद में 37.13, धौलपुर में 36.72, जैसलमेर में 34.37, प्रतापगढ़ में 30.19, डूंगरपुर में 26.62, उदयपुर में 24.61, बांसवाड़ा में 20.34 प्रतिशत ई-केवाईसी हुई।