धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
विधानसभा चुनाव से पहले महायुति खुद को राज्य की सभी लाडली बहनों की सबसे बड़ी हमदर्द बता रही थी। इसी के साथ ही उन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए आनन-फानन में लाडली बहन योजना भी लागू कर दी थी। जैसे ही विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आए और फिर से नई सरकार का गठन हुआ, वैसे ही महायुति का असली चेहरा सामने आ गया है। महायुति ने अब स्पष्ट कर दिया है कि इस योजना का लाभ केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही मिलेगा। दूसरी तरफ ढाई लाख आय वाली महिलाओं को सख्ती के साथ योजना से बाहर किया जाएगा। अभी तक लाडली बहन योजना को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। कल इन अटकलों पर महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने मुहर लगा दिया।
अब सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि इस योजना के लिए केवल वही महिलाएं पात्र हैं, जो निराई-गुड़ाई और बर्तन धोने का काम करती हैं। ऐसी जरूरतमंद महिलाओं के लिए १,५०० रुपए की राशि भी बहुत होता है। कल महिला व बाल कल्याण मंत्री अदिति तटकरे ने इस बात पर मुहर लगा दी है। उनके इस बयान से जहां महिलाओं में खलबली मच गई है, वहीं अब आरोप लगने लगे हैं कि विधानसभा चुनाव में १,५०० रुपए का लालच देकर वोट बटोरने वाली महायुति में शामिल सभी घटक दलों ने काम निकलने के बाद अब लाडली बहनों के साथ अन्याय शुरू कर दिया है।
लाडली बहनों से
सरकार वापस लेगी पैसे
पत्रकारों से बात करते हुए अदिति तटकरे ने लाडली बहन योजना पर अपनी स्थिति फिर से स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा कि किसने कहा कि सरकार पैसा वापस नहीं लेगी? संभावनाओं पर मुहर लगाते हुए तटकरे ने अपात्र लाडली बहनों से सरकारी पैसा लेकर उन्हें राज्य सरकार के खजाने में जमा किया आएगा। हम इसके लिए वित्तीय योजना विभाग के संपर्क में हैं।
आवेदनों का होगा क्रॉस वेरिफिकेशन
राज्य में साढ़े चार हजार महिलाओं ने स्वेच्छा से आगे आकर अपने आवेदन वापस ले लिए हैं, लेकिन अभी भी कई महिलाएं गलत जानकारी देकर इस योजना का लाभ उठा रही हैं। इस पर पूछे गए सवाल पर अदिति तटकरे ने कहा कि सरकार की अपनी सत्यापन प्रणाली है। इसके तहत हम परिवहन विभाग के समन्वय में काम कर रहे हैं। निश्चित आय से अधिक आय वाली महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलने पर उनके आवेदनों का सत्यापन क्रॉस वेरिफिकेशन सिस्टम के माध्यम से किया जाएगा।