सामना संवाददाता / मुंबई
पालक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर महायुति में रूठने-मनाने का सिलसिला जारी है। इससे यह भी स्पष्ट हो रहा है कि महायुति में शामिल किसी भी घटक दल में तालमेल नहीं है। रायगड और नासिक का पालक मंत्री पद न मिलने से शिंदे गुट में बेचैनी बढ़ गई है। अब यह भी जानकारी सामने आ रही है कि खुद का जिला न मिलने से अजीत पवार गुट में भी नाराजगी है। मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के करीबी मंत्रियों को मनपसंद जिले मिलने से महायुति में शामिल तीनों दलों में कानाफूसी शुरू हो गई है।
इसके साथ ही मेल-मुलाकात का सिलसिला भी बढ़ गया है। दूसरी तरफ पालक मंत्री पद पर शिंदे गुट के बाद अब अजीत पवार गुट में भी कानाफूसी शुरू हो गई है। खुद अथवा पड़ोसी जिला देने की बजाय सैकड़ों किमी दूर के जिले दिए जाने से राकांपा के मंत्रियों में नाराजगी के सुर उठने लगे हैं। महायुति में सबसे बड़ा दल भाजपा के २० में से सात, शिंदे गुट के १२ में से सात मंत्रियों को खुद के जिले का पालक मंत्री पद नहीं दिया गया है। इसी तरह अजीत पवार गुट के १० में से केवल एक यानी उप मुख्यमंत्री पवार को ही खुद का जिला मिला है। अदिति तटकरे को खुद का जिला मिला था, लेकिन शिंदे गुट की आपत्ति के बाद उसे स्थगित कर दिया गया। यह चयन उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे को देखते हुए किया गया है। इस तरह की अफवाहें हैं कि पार्टी के अन्य मंत्रियों ने अपने जिले को पाने की कोशिश नहीं की है। केवल अजीत पवार को अपने जिले का पालक मंत्री पद मिला है, जबकि अन्य को उनके मूल जिले से दूर जिले दिए गए हैं, जिससे पार्टी के भीतर नाराजगी बढ़ गई है।
कोल्हापुर की जनता के मन में मैं ही पालक मंत्री
हसन मुश्रीफ ने कहा कि कोल्हापुर जिले में मैं पिछले २० वर्षों से काम कर रहा हूं। जिले की जनता में मेरा अच्छा जनसंपर्क है। उन्होंने कहा कि भले ही मुझे पालक मंत्री के रूप में दूसरे जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है, लेकिन कोल्हापुर के लोगों के मन में मैं ही पालक मंत्री हूं।
जिले से कोसों दूर
हसन मुश्रीफ का पैतृक जिला कोल्हापुर है, लेकिन उन्हें ६२५ किमी लंबे वाशिम जिले के पालक मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।
नासिक के माणिकराव कोकाटे को १९५ किमी दूर नंदुरबार की जिम्मेदारी दी गई है। नासिक के नरहरी झिरवल को ४४५ किमी दूर हिंगोली का पालक मंत्री पद दिया गया है।
मकरंद पाटील सातारा जिले से हैं, लेकिन उन्हें ४४० किमी दूर बुलढाणा का पालक मंत्री नियुक्त किया गया है, जबकि लातूर के बाबासाहेब पाटील को गोंदिया जिला दिया गया है, जो उनके जिले से ६३६ किमी दूर है।
इन मंत्रियों को खुद के जिले का मिला कामकाज
चंद्रशेखर बावनकुले (नागपुर), राधाकृष्ण विखे-पाटील (अहिल्यानगर), आशीष शेलार (मुंबई उपनगर), जयकुमार रावल (धुले), नीलेश राणे (सिंधुदुर्ग), पंकज भोयर (वर्धा), मेघना बोर्डीकर (परभणी), एकनाथ शिंदे (ठाणे), गुलाबराव पाटील (जलगांव), संजय राठोड (यवतमाल), उदय सामंत (रत्नागिरी), संजय शिरसाट (छत्रपति संभाजी नगर), शंभूराज देसाई (सातारा), प्रकाश आबिटकर (कोल्हापुर)।