महाराष्ट्र के जलगांव के परांडा रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार को बड़ा हादसा हुआ। पुष्पक एक्सप्रेस में आग लगने की अफवाह के बीच यात्री ट्रेन से कूदने लगे। इस दौरान दूसरी ट्रेन की चपेट में आने से कई यात्रियों की मौत हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के जलगांव जिले में चेन पुलिंग के बाद पटरी पर आई दूसरी ट्रेन के यात्रियों को ट्रेन ने कुचल दिया। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, इस हादसे में ११ लोगों की मौत हुई और ४० से अधिक लोग घायल हो गए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के जलगांव में पुष्पक एक्सप्रेस के कई यात्री ट्रेन में आग लगने का संदेह होने की वजह से अपने कोच के बाहर खड़े थे। इस दौरान वो कर्नाटक एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आ गए। हादसे की जानकारी मिलते ही रेलवे के अधिकारी और अन्य कर्मचारी मौके पर पहुंच गए। पुष्पक एक्सप्रेस परांडा रेलवे स्टेशन के पास आ रही थी, तभी ट्रेन के मोटरमैन ने ब्रेक लगाया तो पहियों से आग की चिंगारियां निकलने लगीं। इससे यात्रियों के बीच अफवाह पैâल गई कि ट्रेन में आग लग गई। इससे महिलाओं और बच्चों में अफरा-तफरी मच गई। डरे-सहमे लोगों ने कोच से कूदता शुरू कर दिया। इनकी संख्या ३५ से ४० बताई जा रही है। इन यात्रियों ने ये नहीं देखा कि दूसरी ट्रेन भी आ रही है। नतीजतन, यात्री बेंगलुरु एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। इसमें कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
बेंगलुरु एक्सप्रेस ने हॉर्न दिया होता तो बच जाती जानें
ट्रेन में सफर कर रहे एक यात्री ने बताया कि हादसा दोपहर ३.३० से ४ बजे के बीच हुआ। आग लगने की अफवाह पैâल गई थी। इसके बाद कुछ लोग ट्रेन से कूद गए। इसी दौरान सामने से बेंगलुरु एक्सप्रेस आ रही थी, जिसने ३० से ३५ लोगों को कुचल दिया। कई लोग घायल हो गए। कुछ लोगों की मौत भी हुई। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने ये भी दावा किया है कि सामने से आ रही बेंगलुरु एक्सप्रेस ने हॉर्न तक नहीं दिया। अगर हॉर्न दिया होता तो यात्री अलर्ट हो जाते।