कर्मचारियों में भारी आक्रोश
सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी (महावितरण) की ओर से खेला शुरू हो गया है। इसके तहत राज्य में ३२९ बिजली सब स्टेशनों को ठेका के आधार पर संचालित करने का पैâसला लिया है। इसके तहत महावितरण ने ५,९३५.५६ लाख रुपए का टेंडर जारी किया है। हालांकि, महाराष्ट्र राज्य विद्युत कर्मचारी, अभियंता व अधिकारी एक्शन कमेटी ने इस निर्णय पर कड़ी नाराजगी जताई है।
एक्शन कमेटी के अनुसार, महावितरण कंपनी में वर्तमान में वर्ग एक से चार तक ३२,००० से अधिक पद रिक्त हैं। कमेटी ने आरोप लगाया है कि इन रिक्त पदों को भरे बिना ठेका पर सब स्टेशन उपलब्ध कराने का फैसला कंपनी के निजीकरण की दिशा में पहला कदम है। महाराष्ट्र राज्य स्टेट इलेक्ट्ििरसटी वर्कर्स फेडरेशन, महाराष्ट्र राज्य बिजली कामगार महासंघ, सबॉर्डिनेट इंजीनियर एसोसिएशन समेत कई श्रमिक संगठनों ने इस फैसले का विरोध जताया है। सभी संगठनों ने टेंडर रद्द करने की मांग की है। ऐसा न करने पर कड़े विरोध प्रदर्शन की भी चेतावनी दी है।
दूसरी ओर महावितरण के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भरत पवार ने स्पष्ट किया है कि निजीकरण का कोई सवाल ही नहीं है। उनके अनुसार, ठेका के आधार पर सब स्टेशनों के संचालन के संबंध में वरिष्ठ अधिकारी नियमानुसार निर्णय लेंगे। इस पृष्ठभूमि में राज्य में `स्मार्ट प्रीपेड मीटर’ के खिलाफ जनता में असंतोष भी है। कामगार संगठनों द्वारा दी गई चेतावनी के अनुसार, यदि विरोध प्रदर्शन से औद्योगिक शांति भंग होती है तो इसके लिए प्रशासन जिम्मेदार होगा।