-असुविधाओं, मेडिकल स्टाफ की कमी, अपर्याप्त डॉक्टरों की अनदेखी से परेशान हैं मरीज
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई-पूर्व उपनगर के गोवंडी में स्थित मनपा के शताब्दी अस्पताल में पिछले कई महीनों से डॉक्टरों और मेडिकल कर्मियों की कमी चल रही है। इसके साथ ही कई अन्य असुविधाओं से यह अस्पताल बेहाल है। इस वजह से मरीजों को भारी कष्ट सहना पड़ता है। हालांकि, मनपा को इस संबंध में कई बार अवगत कराए जाने के बावजूद अनदेखी किए जाने से नाराज कुछ स्थानीय निवासियों ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है कि मनपा के शताब्दी अस्पताल में गोवंडी, शिवाजी नगर, मानखुर्द, चेंबूर और देवनार इलाकों से ८०० से १,००० मरीज हर दिन इलाज कराने आते हैं। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से अस्पताल में डॉक्टरों और कर्मचारियों की भारी कमी चल रही है। परिणामस्वरूप, मरीजों को भारी कष्ट सहना पड़ रहा है। डॉक्टरों की कमी के कारण अक्सर मरीजों को राजावाड़ी, सायन या निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ता है। बता दें कि कुछ दिन पहले यह बात सामने आई थी कि सफाई कर्मचारी ईसीजी इसलिए कर रहे थे, क्योंकि यहां ईसीजी तकनीशियन का पद रिक्त था।
डॉक्टरों पर बढ़ रहा दबाव
स्टाफ की कमी से उपलब्ध स्टाफ और डॉक्टरों पर दबाव बढ़ रहा है। इससे अक्सर मरीजों के रिश्तेदारों और स्टाफ के बीच विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता राजेंद्र नगराले ने मनपा को कई बार पत्र लिखकर समस्या का समाधान निकालने का अनुरोध किया था। हालांकि, मनपा की ओर से लगातार इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। इसलिए नगराले ने अस्पताल के बाहर स्थानीय निवासियों के साथ आमरण अनशन की चेतावनी दी है।