सामना संवाददाता / मुंबई
देश में हिंदू और महाराष्ट्र में मराठी माणुस की अस्मिता के लिए स्वाभिमान से लड़ने के प्रेरणास्त्रोत हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे को देश के सबसे बड़े पुरस्कार भारतरत्न से गौरवान्वित किए जाने की मांग शिवसेना की ओर से केंद्र सरकार से की गई है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने कहा, `यह केवल शिवसेना की ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की मराठी जनता और दुनिया के तमाम हिंदुओं की जनभावना है।’
शिवसेनाप्रमुख की जयंती के अवसर पर शिवसेना भवन में कल शिवसेना के नेताओं ने मीडिया से बातचीत में सांसद संजय राऊत ने यह मांग की। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद हिंदूहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने महाराष्ट्र को स्वाभिमान से लड़ने की प्रेरणा दी। मराठी माणुस और उनका स्वाभिमान बचा है तो उसका श्रेय बालासाहेब को ही दिया जाता है। इसीलिए ही हम उन्हें मराठी सम्मान का मानबिंदु कहते हैं। बालासाहेब आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी महाराष्ट्र के कण-कण में दिखाई देते हैं। संजय राऊत ने कहा कि २३ जनवरी २०२६ से शिवसेनाप्रमुख का जन्म शताब्दी वर्ष शुरू हो रहा है। इस औचित्य पर शिवसेना और हिंदू संगठनों ने इस तरह का प्रस्ताव भी मंजूर किया है। राऊत ने कहा कि शिवसेना के सभी सांसदों ने संसद के भीतर और बाहर, साथ ही विधान मंडल में भी इस मांग को बार-बार उठाया है।
मोदी सरकार ने वोटों के लिए कई को दिया भारतरत्न
संजय राऊत ने कहा कि बीते १२ सालों में मोदी सरकार ने वोटों और राजनीतिक गणित बिठाने के लिए कई लोगों को भारतरत्न दिए हैं। किसी का नाम लेकर हमें अपमानित नहीं करना है। उन्होंने कहा कि जिन्हें भारत रत्न मिला है, उनका शिवसेना सम्मान करती है, लेकिन जिन्होंने देश के हिंदुओं को हिंदू के तौर पर और महाराष्ट्र को मराठी के रूप में अस्मिता दी, अयोध्या का राम मंदिर जिनकी वजह से खड़ा हुआ, ऐसे हिंदूहृदयसम्राट को भारतरत्न देकर सम्मानित करें।
राज्य के सिफारिश की नहीं है जरूरत
भारतरत्न के लिए मुख्यमंत्री समिति की सिफारिश की जरूरत पर संजय राऊत ने कहा कि बालासाहेब को भारतरत्न देने की मांग करने की जरूरत नहीं है। सरकार को यह पता होना चाहिए। भारतरत्न देने का अधिकार देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का है। उन्होंने कहा कि कोई भी राज्य भारतरत्न के लिए सिफारिश नहीं करता है। यह सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान होता है और उसका पैâसला केंद्र सरकार की समिति करती है। यह पूरा विषय गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन आता है। शिवसेना द्वारा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को भारतरत्न देने की मांग को केंद्र द्वारा नजर अंदाज किए जाने सवाल पर केंद्र को आड़े हाथों लेते हुए संजय राऊत ने कहा कि भाजपा का वीर सावरकर पर प्रेम यानी ढोंग है। भाजपा का हिंदुत्व ढोंगी है। हिंदुत्व के लिए देश में दो ही नेताओं ने बलिदान दिया है। पहले वीर सावरकर जिन्हें हिंदूहृदयसम्राट के तौर पर लोग पहचानते थे और दूसरे हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे। बालासाहेब ठाकरे का सम्मान यह वीर सावरकर का सम्मान है, क्योंकि सावरकर के हिंदुत्व के विचारों को आगे ले जाने का काम बालासाहेब ने किया। संजय राऊत ने कहा कि शिवसेना भाजपा जब साथ में थी, तब भी सावरकर के लिए भारत रत्न की मांग की थी और अब कांग्रेस के साथ होते हुए भी यह मांग कर रही है। शिवसेना किसी से नहीं घबराती है। इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो वीर सावरकर का यथोचित सम्मान सरकार करे। इस तरह की मांग बालासाहेब ठाकरे ने की थी। वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के लिए भी बालासाहेब ने मदद की थी। वह स्मारक बालासाहेब के कारण ही निर्मित हुआ है। इसकी याद भी संजय राऊत ने दिलाई। इस पत्रकार परिषद में शिवसेना नेता दिवाकर रावते, विनायक राऊत, सांसद अनिल देसाई, सांसद अरविंद सावंत और विधायक महेश सावंत आदि उपस्थित थे।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र
शिवसेना ने शिवसेनाप्रमुख को भारतरत्न पुरस्कार देने की मांग राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई है। इस संदर्भ में शिवसेना ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी पत्र लिखकर निवेदन किया है कि शिवसेनाप्रमुख का नाम भारत रत्न पुरस्कार के लिए केंद्र को प्रस्तावित किया जाए। शिवसेना के विधायक और मुख्य प्रतोद सुनील प्रभु ने इस संदर्भ में पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है कि मैं अत्यंत आदर और नम्रता के साथ आपका ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि वंदनीय बालासाहेब ठाकरे को भारतरत्न, जो भारत का सर्वोच्च सम्मान है, प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि यह निवेदन मेरी और महाराष्ट्र के लाखों लोगों की भावना है।