मुख्यपृष्ठनए समाचारउल्हासनगर में कानून को ताख पर रखकर खुल रही हैं शराब की...

उल्हासनगर में कानून को ताख पर रखकर खुल रही हैं शराब की दुकानें…मंदिर व अस्पताल के पास खुले बार का हो रहा है विरोध

सामना संवाददाता / उल्हासनगर

कल्याण-मुरबाड अंतरराष्ट्रीय महामार्ग पर बनाए गए रिजेंसी एंटेलिया के कामर्शियल इमारत में वाइन बार एंड रेस्टोरेंट खोला जा रहा है, जिसका श्री समर्थ मित्र मंडल के द्वारा विरोध किया जा रहा है। मंडल में शामिल लोगों का कहना है कि 7 अक्टूबर 2024 को मंदिर के समीप बार खोलने न देने के लिए लिखित निवेदन पुलिस विभाग, तहसीलदार, राज्य दारू बंदी उत्पादन शुल्क कार्यालय, उल्हासनगर, जिलाधिकारी, मंत्रालय को दिया गया था। इसक बबावजूद कानून को ताख पर रखकर वाइन बार को खोलने की इजाजत दी गई।
दिपक मिश्रा ने बताया कि महारल गांव के लोग म्हसोबा व हनुमान मंदिर की 1955 – 1956 से नियमित पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन तो करते ही आ रहे हैं। इसके अलावा शनिवार व मंगलवार को हनुमान चलीसा का पाठ नियमित करते आ रहते हैं। मंदिर के सामने बार खोलने के कारण शराबी शराब के नशे में आस्था से खिलवाड़ कर सकते हैं। जैसा कि नियम है कि शराब पीने के अड्डे को मंदिर (धार्मिक स्थल), विद्यालय, अस्पताल से सौ मीटर की दूरी पर होना चाहिए, जो थोड़ी सी दूरी पर ही बना दिया गया है। म्हारल के पास उल्हासनगर महानगरपालिका का सुपर स्पेस्लिटी अस्पताल बनाया गया है। उसके बगल आकाश वाइन शाप कैसे खोला गया है? जबकि अस्पताल का उद्घाटन शिंदे सरकार के समय में मुख्यमंत्री ने किया था। आज फिर से उसके बगल में ही दूसरा वाइन बार खोला जा रहा है। लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि सरकार एक तरफ गांजा, भांग, एमडी जैसे नशीले प्रदार्थ को बंद करने का काम कर रही है। नशा बंदी का झूठा दिखावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ शराब पीने के लिए बार खोलने की इजाजत दे रही है। हाईवे पर बार बनाना कहां तक उचित है? अब वाइन के चलते हिट एंड रन की भी समस्या बढ़ेगी। जन विरोध के बावजूद शराब के अड्डे खोलना कहां का न्याय है? वैसे देखा जाय तो अंतरराष्ट्रीय महामार्ग पर बार, वाइन शाप, बार, ढाबा की भरमार सी हो गई है। ईडी 02 सरकार के शराब प्रेम को देखकर हिंदूवादी लोग हैरान हैं कि दारू बंद करने की बजाय खोला जा रहा है। सरकार की इस तरह की गलत नीतियों के कारण मंडल के लोगों में आक्रोश दिखाई दे रहा है।

अन्य समाचार