सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा की फिक्स डिपॉजिट को लेकर काफी चर्चा हो रही है, घटती फिक्स डिपॉजिट को लेकर चिंता जताई जा रही है। इस मुद्दे पर मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर मुंबई मनपा आयुक्त भूषण गगरानी ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा फायदा नहीं मिलता है, बल्कि इस फंड का उपयोग परोपकारी परियोजनाओं के लिए करना बेहतर है।
अगले दो वित्तीय वर्षों के लिए परियोजनाओं के लिए धन के उपयोग की योजना बनाई गई है। हालांकि, यदि तब तक आय के नए स्रोत नहीं बनाए गए तो भविष्य में धन की कमी हो सकती है। पिछले कुछ वर्षों में मनपा की आय का स्रोत नहीं बढ़ा है। साथ ही प्रॉपर्टी टैक्स में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है इसलिए आयुक्त ने राय व्यक्त की कि आय का स्रोत बढ़ाने के लिए योजना बनानी होगी।
५० फीसदी पानी रिसाइकल किया जाएगा
पवई झील की क्षमता के बराबर सीवेज समुद्र में छोड़ा जाता है। वर्तमान में सीवेज को समुद्र में छोड़ने के लिए केवल प्राथमिक उपचार किया जाता है। मुंबई मनपा ने सीवेज के उपचार के लिए सात स्थानों पर सीवेज उपचार केंद्रों को आधुनिक करने की एक परियोजना शुरू की है। ये सात सीवेज उपचार संयंत्र २०२८ तक पूरे हो जाएंगे इसलिए अपशिष्ट जल को दूसरे स्तर पर उपचारित किया जाएगा और समुद्र में छोड़ा जाएगा। उसमें से ५० फीसदी पानी रिसाइकल किया जाएगा। मनपा आयुक्त ने यह भी कहा कि समुद्र में छोड़े जाने वाले पानी की गुणवत्ता में सुधार के कारण अगले कुछ वर्षों में मुंबई के पास समुद्र का रंग बदल जाएगा।