सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में जहां हर साल कुपोषण की मार झेल रहे सैकड़ों बच्चों की मौत हो रही है, वहीं ‘ईडी’ २.० सरकार ने इसे नियंत्रित करने की बजाय एक तुगलकी फैसला किया है। इस फैसले के तहत सरकार ने बच्चों के मुंह से प्रोटीन को ही छीन लिया है। इस फैसले के तहत ईवीएम से चुनी गई सरकार ने राज्य के २४ लाख गरीब स्कूली छात्रों के भोजन से अंडा भी बंद कर दिया है। बताया गया है कि अंडे पर सरकार हर साल ५० करोड़ रुपए का बजट खर्च करती आ रही थी। सरकार का छात्रों पर शुरू हुआ जुल्म यहीं नहीं खत्म होता है, मिड-डे मील में दिए जानेवाले मिष्ठानों में शामिल खीर जैसे मीठे खाद्य पदार्थों को भी भोजन की सूची से हटा दिया गया है। सरकार के इस पैâसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महायुति सरकार लाडली बहनों, बेरोजगारों और किसानों के बाद अब छात्रों के साथ भी छल करने लगी है।